राजनीति में न कोई दोस्त, न कोई दुश्मन, फडणवीस ने ठाकरे पर दिया बयान!

by | 15 Nov 2024, 11:10

महाराष्ट्र चुनाव में हर दिन नया समीकरण बनता दिखाई पड़ रहा है। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान से इस वक्त महाराष्ट्र की सियासत में तपिश थोड़ी बढ़ गई है। फडणवीस ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को फिर से साथ लाने पर कहा राजनीति है और यहां कुछ भी हो सकता है।

फडणवीस ने दावा करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र में NDA गठबंधन को वैसे किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हमारा किसी से कोई मनभेद भी नहीं है।

फडणवीस के बयान के बाद सियासी गलियारों में अफवाहें चरम पर हैं और चर्चाओं का शोर बढ़ गया है। इसमें शामिल है फडणवीस और BJP के बिछाई जा रही राजनीतिक शतरंज की बिसात और दूसरी चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की राजनीति को लेकर चल रही है की वो किसकी तरफ करवट लेंगे।

क्या उद्धव ठाकरे करेंगी घर वापसी?

राजनीति में गठबंधन कोई नई या चौकाने वाली बात नहीं है, लेकिन जब किसी का सबसे पुराना साथी उसका साथ छोड़ता है तो सवाल उठाना बनता है। साल 2019 में फडणवीस के नेतृत्व में BJP और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साथ में चुनाव लड़ा था और पूर्ण बहुमत भी हासिल किया था। लेकिन, मुख्यमंत्री पद को लेकर देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मुखयमंत्री उद्धव ठाकरे में तनातनी के बाद ये गठबंधन टूट गया था। पूर्व मुखयमंत्री उद्धव ठाकरे ने फडणवीस पर गठबंधन को तोड़ने का दोष मढ़ दिया था।

सीएम की कुर्सी के मोह से छुटकारा न पाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शरद पवार और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। शिवसेना में 2 साल तक तो सबकुछ ठीक चला लेकिन जून 2022 में पूर्व मुखयमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर कब्जा किया मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे ने, 40 विधायकों के साथ सीएम एकनाथ शिंदे ने BJP का दामन थाम लिया। फडणवीस की फिर से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में सत्ता में वापस आ गए।

उधर शिवसेना में बगावत के एक साल बाद ही NCP ने भी उद्धव ठाकरे से किनारा कर लिया। महाराष्ट्र विधानसाभा 2024 के चुनाव में उद्धव ठाकरे, कांग्रेस और शरद की पार्टी महाविकास अघाड़ी गठबंधन के नाम से चुनावी मैदान में उतरी है।

उद्धव ठाकरे ने 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी का दामन थामा था। लेकिन, उस दौरान बाजी कांग्रेस के हाथ में चली गई और महाराष्ट्र में उसका वोट प्रतिशत बढ़ गया। ये कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर उद्धव गठबंधन की सरकार बनती है तो एक बार सीएम की कुर्सी पर कब्जे के लिए पेच फंस सकता है और कुछ भी हो सकता है।

उद्धव ठाकरे का क्या होगा ये पिक्चर तो 23 नवंबर के बाद ही पूरी तरफ से क्लीयर हो पाएगी। देवेंद्र फडणवीस के साथ पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव कुर्सी साझा करेंगे या फिर विपक्ष की भूमिका में जाएंगे।

BJP ने उद्धव ठाकरे पर क्या दिए संकेत?

चुनाव पूरा नहीं हुआ है और अभी से ही BJP पूर्व मुखयमंत्री उद्धव ठाकरे की घर वापसी कराने का मन क्यों बना रही है ये सवाल महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में गूंज रहा है।

साल 2019 के बाद से ही BJP कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के गठबंधन को अप्राकृतिक बता रही है। BJP ने शिवसेना के कोर वोटर्स को ये संदेश देने का काम कर रही है कि पूर्व मुखयमंत्री उद्धव ठाकरे केवल स्वंय के स्वार्थ के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन में हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए गए पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह ने भी जनता को अपने बयान से संदेश देने की कोशिश की, दोनों नेताओं ने कहा कि, क्या राहुल गांधी और कांग्रेस के लोग बाला साहेब ठाकरे की जय का नारा लगा सकते हैं और उन्होंने अभी तक जय क्यों नहीं बोला?

राजनीतिक पंडितों की मानें तो BJP उद्धव ठाकरे के प्रति सहानुभूति दिखाकर उनके कोर वोटर्स को साधना चाहती है। BJP इस वक्त बाला साहेब की विरासत को अपने पक्ष में लाने के लिए कई मोर्चे एक साथ खोल रही है। जिसमें सीएम एकनाथ शिंदे के साथ गठबंधन और MNS मुखिया के साथ समझौता भी शामिल है।

गठबंधन के लिए भी सियासत तेज:

बीते 30 सालों में महाराष्ट्र की सियासत में किसी भी एक पार्टी ने अपनी सरकार नहीं बनाई है। राज्य में हर बार सरकार गठबंधन के दम पर ही बनी है। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में इस बार मैदान में एक तरफ NDA गठबंधन है तो दूसरी तरफ I.N.D.I.A गठबंधन है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए पार्टी को 145 विधायकों की जरूरत होती है। अगर इस वक्त दोनों गठबंधन में कमजोर कड़ी पर नजर घुमाएं तो NDA के अजित पवार एक कमजोर कड़ी हैं और I.N.D.I.A गठबंधन के लिए उद्धव ठाकरे जिनका मुकाबला BJP और सीएम एकनाथ शिंदे की पार्टी से है। वहीं अगर हम ये कहें कि NDA को बहुमत से कोई इलाका दूर कर सकता है तो वो मुंबई, ठाणे और कोंकण का इलाका है।

शिवसेना (UBT) को 90 सीट:

पूर्व मुख्यंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी 2024 विधानसभा चुनाव 90 सीटों पर लड़ रही है। बता दें कि साल 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, 2014 में शिवसेना को 63 सीट पर जीत मिली थी। लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी को काफी बढ़त मिली थी। महाराष्ट्र में I.N.D.I.A गठबंधन को सबसे ज्यादा 63 सीटों पर वोटों की बढ़त हासिल हुई थी। सीएम एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 38 और शरद पवार की अगुवाई वाली NCP को 32 सीटों पर वोटों की बढ़त मिली थी।

1 Comment

  1. Kunwar Digvijay Singh

    Superb Story Sir

    Reply

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