ग्वादर ने डाली चीन-पाकिस्तान की दोस्ती में दरार !

by | 14 Dec 2024, 11:42:am

भारत में एक कहावत बड़ी मशहूर कि – अगर आप किसी को अपनी अंगुली पकड़ाते हैं सहारा देने के लिए तो आपके सिर पर बैठने की कोशिश करता है. चीन के साथ पाकिस्तान ने कुछ ऐसा ही किया है.

दरअसल पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी मुल्क चीन को आंखे दिखाना शुरू कर दिया है. चीन की निगाहें ग्वादर बंदरगाह पर हैं लेकिन, पाकिस्तान ने चीन के सामने जो शर्त रखी उसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सपने में भी नहीं सोचा होगा.

पाकिस्तान की सेना ने साफ कहा कि – “अगर ग्वादर बंदरगाह चाहिए तो परमाणु हमला करने की क्षमता उसे उपलब्ध कराए”.

पाकिस्तान की मांग ने चीन को डराया:

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बसा ग्वादर बंदरगाह इसे चीन ने साल 1988 में बनाना शुरू किया था जो साल 2002 में पूरा हुआ था. इस बंदरगाह पर चीन अब अपना पूरा ऑपरेशन चाहता है. जिसके लिए पाकिस्तान की सेना मांग रखी कि अगर ग्वादर बंदरगाह चाहिए तो आपको पाकिस्तान को परमाणु हमले की क्षमता उपलब्ध करानी होगी.

चीन ने पाकिस्तान की मांग को नकार दिया है और ग्वादर बंदरगाह पर होनों वाली बताचीत भी दोनों देशों ने रोक दी है. वहीं अगर पाकिस्तान की सेना को अगर परमाणु हमले की क्षमता मिलती है तो भारत के लिए बड़ा खतरा हो सकता है.

चीन को ग्वादर की जरूरत:

दरअसल चीन की सेना ग्वादर को अपना नेवल बेस बनाना चाहती है, इसके लिए CPEC के नाम पर उसने कई अरबों डॉलर का निवेश भी किया है.

लेकिन अब बात-बात पर पलटी खाने वाले पाकिस्तान ने चीन को आंखे दिखाना शुरू कर दिया है. या फिर यूं कहें कि चीन की मजबूरी का फायदा उठाना शुरू कर दिया है.

पाकिस्तान के अंदर हर मामले में करीबी नजर रखने वाली ड्रॉप साइट न्‍यूज वेबसाइट ने इसका खुलासा किया है.

चीन ने पाकिस्तान से ग्वादर के लिए बात करना ऐसे समय पर बंद किया है जब पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था की लुटिया डूब चुकी है.

पाकिस्तानी सेना भारत के बराबर में खड़ा होना चाहती है:

ग्वादर पर बातचीत बंद होने से ऐसा लगता है कि चीन और पाकिस्तान की दोस्ती अंतिम सांस ले रही है. विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्तान नहीं चाहता की चीन ग्वादर पर अपना सैन्य अड्डा बनाए.

पाकिस्‍तानी सेना मानना है कि अगर चीन को ग्वादर बंदरगाह दिया तो पश्चिमी देशों से उसके संबंध खराब हो सकते हैं. इसलिए चीन पाकिस्तान को आर्थिक मदद के साथ जवाबी परमाणु हमले की क्षमता को देना होगा, जिससे वो भारतीय सेना के बराबर में खड़ा हो सके.

चीन पाकिस्तान की इस चाल को भांप चुका है. आपको बता दें कि जवाबी परमाणु हमला करने की ताकत उस सेना के पास जो उसके काबिल हैं. ये क्षमता युद्ध के दौरान उपयोग में लाई जाती है.

जब दुश्मन परमाणु हमला करके युद्ध को जीतने की कोशिश करते हैं तो दुश्मन देश को भी पता होता कि उसे भी जवाब परमाणु हमला झेला पड़ सकता है.

क्यों डरी हुई है पाकिस्तानी सेना:

पलटी बाज पाकिस्तान को डर है कि अगर वो भारत के साथ युद्ध करता है तो भारत सबसे पहले उसके परमाणु ठिकानों को नष्ट कर देगा. इस डर की वजह से पाकिस्तान ने चीन से जवाबी परमाणु हमला करने की ताकत चाहिए.

दरअसल पाकिस्तान के पास इस वक्त 170 परमाणु बमों का जखीरा है. वहीं चीन और भारत दोनों के पास ताकत है कि वो जवाबी परमाणु हमला कर सकता है. फिलहाल चीन ने पाकिस्तान की मांग को खारिज कर दिया है और इस वक्त दोनों देशों के बीच बातचीत पूरी तरह से बंद है.

वहीं पाकिस्तान की सेना इस वक्त चीन और अमेरिका के बीच में शट्ल कॉक बन गया है. क्योंकि अमेरिका को भी ये पसंद नहीं कि चीन ग्वादर पर अपना सैन्य अड्डा बनाए.

Author

1 Comment

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisment