देश में अतुल सुभाष के आत्महत्या करने के बाद एक नई बहस छिड़ी हुई है. क्या समाज में फैला कठोरपन क्यों पुरुषों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर देता है? इस जवाब फिलहाल तो शायद किसी के पास नहीं होगा.
एक पुरुष को अपने जीवन में क्या चाहिए होता है इससे हम सभी भली भांति परिचित हैं लेकिन, जब उसे वो भी नहीं मिलता है तो फिर वो कदम अतुल सुभाष की तरह उठा लेता है.
34 साल के AI इंजीनियर इंजीनियर मृतक अतुल सुभाष पर दहेज उत्पीड़न के अलावा हत्या समेत कई मामले दर्ज हुए है. अतुल सुभाष ने अपने आत्महत्या करने से 1.5 घंटे के वीडियो में अपनी व्यथा को बताया. जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा, पत्नी के भाई अनुराग और पत्नी के चाचा सुशील पर कई आरोप लगाए.
निकिता सिंघानिया ने अतुल सुभाष पर जौनपुर की अदालत में 5 मुकदमे दायर किए थे. इनमें से निकिता ने तलाक का मुकदमा, CJM कोर्ट में हत्या, मारपीट और अप्राकृतिक यौन संबंध के मुकदमे को बाद में वापस ले लिया था.
अतुल सुभाष पर चल रहे 3 मुकदमे:
- पहला दहेज प्रथा और मारपीट का मुकदमा जो कि लंबित है, जिस पर 12 जनवरी 2025 को सुनवाई है.
- दूसरा मुकदमा चल रहा है, बेटे और खुद के भरण पोषण के लिए ₹40 हजार के आदेश का. इस पर सुनवाई 16 दिसंबर 2024 कोई सुनवाई होनी है.
- निकिता सिंघानिया की तरफ से दायर तीसरा मुकदमा घरेलू हिंसा का है. इस पर सुनवाई 24 जनवरी 2025 हो होनी है.
जौनपुर पहुंची बेंगलुरु पुलिस:
दरअसल अतुल सुभाष की ससुराल जौनपुर के खोया मंडी इलाके में है. जहां उसकी सास निशा सिंघानिया, पत्नी निकिता संघानिया, साला और अन्य लोग रहते हैं. वहीं जब पुलिस इनके घर पहुंची तो वहां ताला लटका मिला. पुलिस के पहुंचने से पहले निकिता, निशा और अनुराग ने अंधेरा का सहारा लेते हुए अपनी काली करतूतों को छुपाने के लिए कहीं गायब हो गए.
फिलहाल पुलिस ने मकान के गेट पर नोटिस चस्पा कर दिया है, इसमें लिखा है कि बेंगलुरु में दर्ज केस में आकर अपना बयान दर्ज करवाएं.
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