हिंदू धर्म में शक्तिपीठ वे पवित्र स्थान हैं, जहां देवी की शक्ति अर्थात ऊर्जा की उपस्थिति मानी जाती है। इन स्थलों का इतिहास हिंदू धर्म से गहराई से जुड़ा हुआ है। देवी पार्वती के शरीर के विभिन्न अंग जहां-जहां गिरे, वे स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रतिष्ठित हो गए। यह कथा भगवान शिव और माता सती के अटूट प्रेम और त्याग की अमर गाथा से संबंधित है।
आज हम 51 शक्तिपीठों में से एक ऐसे पवित्र स्थल की बात करेंगे, जहां माता सती के चरणों की चार उंगलियां गिरी थीं। इस शक्तिपीठ की पौराणिक कथा अद्भुत है और भक्तों के हृदय में विशेष स्थान रखती है। यह स्थान अनंत श्रद्धा, आस्था और दिव्यता से परिपूर्ण है। यहाँ आकर भक्तगण अपने कष्टों से मुक्ति पाते हैं और मां की कृपा का अनुभव करते हैं।
शक्तिपीठों की धार्मिक मान्यता

कालीघाट शक्तिपीठ हिंदू धर्म में एक प्रमुख शक्तिपीठ है, जो कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में स्थित है। इसे देवी महाकाली के पवित्र मंदिर के रूप में जाना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव माता सती के मृत शरीर को लेकर ब्रह्मांड में तांडव कर रहे थे, तब संसार को प्रलय से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को खंडित कर दिया। माता सती के शरीर के विभिन्न अंग जहां-जहां गिरे, वे स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रतिष्ठित हो गए।
कालीघाट वही पवित्र स्थान है, जहां माता सती के चरणों का अंग गिरा था। इसी कारण यह स्थान एक प्रमुख शक्तिपीठ के रूप में विख्यात है। यहां देवी की महिमा और दिव्यता का अनुभव कर भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं। कालीघाट मंदिर में देवी महाकाली की पूजा-अर्चना पूरे विधि-विधान से की जाती है, जो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।
कालीघाट शक्तिपीठ का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व
कालीघाट मंदिर शाक्ति पूजा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां श्रद्धालु मां काली की पूजा करते हैं. इसे शाक्ति की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. यहां भक्तों का विश्वास है कि यहां पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
कालीघाट शक्तिपीठ तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध
यह स्थान विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो महाकाली की शक्ति में विश्वास रखते हैं. यह हिन्दू धर्म की शक्ति परंपरा का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां पर विशेष रूप से नवरात्रि के समय लाखों की संख्या में भक्तों का जमावड़ा लगता है.

कालीघाट शक्तिपीठ का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व
कालीघाट मंदिर का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है. यह कोलकाता का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है और यहाँ के आसपास की संस्कृति, लोककला, और धार्मिक परंपराएं बंगाल के हिन्दू धर्म के अनुरूप हैं. कालीघाट शाक्ति पीठ न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
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