शरीर में स्फूर्ति और ऊर्जा का एक ही स्त्रोत ‘योग’

by | 29 Nov 2024, 2:30:pm

योग एक ऐसी परंपरा है, जो आज देश ही नहीं विदेशों तक फैल गई है।योग शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन को बनाए रखने का एक अद्भुत तरीका है।योग का अर्थ है,जोड़ना। हमारे शरीर, मन और आत्मा को आपस में जोड़ना।प्रतिदिन योग का अभ्यास करने से व्यक्ति ना केवल शरीर से मजबूत रहता है, बल्कि योग करने वाले व्यक्ति को मानसिक रूप से भी मजबूती मिलती है। भाग दौड़ भरी जिंदगी में योग का महत्व और भी बढ़ जाता है।इसलिए, योग का अभ्यास हम सभी के लिए फायदेमंद और आवश्यक हो सकता है।हम आपको ऐसे ही कुछ योगासनों के बारे में बताने जा रहे है, जिसको करने से लोगों को शारीरिक और मानसिक शांति का अनुभव जरूर मिलेगा।

1. प्राणायाम

प्राणायाम आसन श्वास की विधि का आसन होता है। इस आसन में गहरी सांस और सांस को कैसे नियंत्रित किया जाए इसका अभ्यास होता है।प्राणायाम को करने से शरीर को और मस्तिष्क को ताजगी मिलती है।और साथ ही साथ तनाव और चिंता भी दूर होती है।

2. हलासन

दूसरा आसन है, हलासन। हलासन में व्यक्ति अपने शरीर को पीठ के बल लेटाकर पैरों को सिर के ऊपर की ओर मोड़ते हुए सीधे करते हैं।हलासन को करने से शरीर में लचीलापन बढ़ता है, और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।साथ ही साथ पाचन तंत्र स्वस्थ और पेट के अंगों को भी मजबूत करता है।

3. ताड़ासन

तीसरा आसन है, ताड़ासन जिसे “माउंटेन पोज़” भी कहा जाता है।ताड़ासन में शरीर को सीधा और खड़ा करके हाथों को ऊपर उठाना होता है।इस आसन को करने से शरीर को लंबापन और सुदृढ़ता मिलती है।साथ में रीढ़ की हड्डी की मजबूती बढ़ती है,और मुद्रा सुधारता है।ताड़ासन को करने से मानसिक तनाव कम होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।

4. भुजंगासन    

चौथा आसन है, भुजंगासन जिसे “कोबरा पोज़” भी कहते हैं।भुजंगासन में व्यक्ति पेट के बल लेटकर हाथों के सहारे ऊपरी धड़ को ऊपर उठाया जाता है।भुजंगासन को करने से पीठ और रीढ़ की हड्डी को मजबूती और लचीलापन मिलता है और कंधों और छाती की मांसपेशियां भी मजबूत होती है। भुजंगासन को करने से शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और मस्तिष्क का तनाव दूर होता है। शरीर में स्फूर्ति और ऊर्जा का एक ही स्त्रोत ‘योग’

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3 Comments

  1. mayank shukla

    So good

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  2. Kuldeep Singh

    Very useful and informative

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  3. Anupama

    Yoga se hi hoga

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