विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीति के गलियारे में भी हलचल तेज हो गई है,
इस बीच सोमवार को बीएसपी सुप्रीम मायावती ने शिक्षा मित्रों के मानदेय बढ़ाए जाने को लेकर
ट्वीट कर बीजेपी पर हमला करते हुए लिखा,
कि “अगर यह खबर सही है कि यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ सकता है
शिक्षा मित्रों का मानदेय तो यह काफी विलम्ब से उठाया गया कदम है ,
जो यह कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिये था, जबकि चुनाव के नजदीक ऐसे फैसले करना कांग्रेसी कल्चर रहा है
जिसपर अब भाजपा भी चल रही है। जनता यह सब समझती है।” अपने ट्वीट में मायावती ने शिक्षा मित्रों के मानदेय बढ़ाए जाने की बात पर
यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए आगे लिखा,
कि “जबकि बीएसपी की कार्यशैली ऐसी संकीर्ण चुनावी सोच से हमेशा अलग व पाक-साफ रही है।
इसी कारण सन् 2007 में सरकार बनते ही हमने अपरकास्ट की भर्ती पर लगी रोक को तुरन्त हटाया जिससे
फिर इस पूरे समाज को भरपूर लाभ हुआ तथा उन्हें यहाँ वर्षों बाद बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी मिली।”
चार साल से नहीं बढ़ाया गया था मानदेय
मीडिया द्वारा यह खबर सुनने में आ रही है कि उत्तर प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाए जाएगा।
खबरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने यूपी सरकार को करीबन 1.46 लाख शिक्षा मित्रों को दिए जा रहे मानदेय का पूरा ब्यौरा दे दिया है।
फिलहाल, बीजेपी के तरफ से मायावती के इस ट्वीट पर कोई टिप्पणी नहीं किया गया है।