राजनीति के गलियारे में इन दिनों यूपी चुनाव 2022 को लेकर माहौल बनने लगा है।
प्रदेश के सभी तकरीबन सभी प्रमुख दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने और साथ ही उन पर अमल करना शुरू कर दिया है।
वहीं प्रदेश में कांग्रेस भी पूरी क्षमता के साथ बीजेपी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर रही है।
चुनाव को लेकर प्रियंका की तैयारी
चुनाव को लेकर रणनीति बनाने और उस पर चर्चा के लिए प्रियंका गांधी लखनऊ पहुंच गई हैं।
वहीं प्रियंका गांधी अगले तीन दिनों तक वह कार्यकर्ताओं से चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगी।
इसलिए उनके दौरे को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं।
आपको बता दें प्रियंका गांधी अपने तीन दिवसीय दौरे के लिए लखनऊ पहुंची है। प्रियंका लखनऊ एयरपोर्ट से सीधे हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पहुंचीं।
जहां उन्होंने राष्ट्रपिता की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।
उन्होंने यहां प्रदेश में फैले जंगलराज, पंचायत चुनाव में हुई हिंसा, महिला उत्पीड़न, ध्वस्त कानून व्यवस्था के खिलाफ दो मिनट का मौन भी रखा।
लखनऊ एयरपोर्ट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी का भव्य स्वागत किया। जिसके बाद वह पार्टी कार्यालय के लिए रवाना हो गईं।
प्रियंका के काफिले को बीच में जाम का सामना भी करना पड़ा ।
बता दें कि लखनऊ प्रवास के दौरान वे पार्टी मुख्यालय पर प्रदेश कार्यकारिणी, पदाधिकारियों व जिला-शहर अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगी।
प्रियंका विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी नेताओं से बातचीत भी करेंगी।
प्रियंका गांधी के स्वागत के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में लखनऊ एयरपोर्ट पर मौजूद थे। उन्होंने प्रियंका के पहुंचते ही नारेबाजी की।
किसको मिलेगी टिकट
कांग्रेस ने अब तक सौ से ज्यादा सीटों पर टिकट के लिए दावेदारों को हरी झंडी दी है।
जिनमें से अब तक काफी सीटों पर एक से अधिक दावेदारों को क्षेत्र में जाकर तैयारी करने के लिए कहा गया है।
इसके साथ तीन महीने की समीक्षा में जो दावेदार खरा उतरेंगे, उनका टिकट फाइनल कर दिया जाएगा।
कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने प्रत्येक विस सीट के लिए जिला व महानगर इकाइयों से तीन दावेदारों का पैनल मांगा है।
जिसमें पूर्वांचल के आजमगढ़, मिर्जापुर, वाराणसी, बस्ती और गोरखपुर आदि मंडलों की सीटों पर दावेदारों के पैनल मिल चुके हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इनमें से 142 दावेदारों से प्रदेश नेतृत्व वार्ता कर चुका है।
बहरहाल, यह तय किया गया है कि जो दावेदार तीन महीने के भीतर क्षेत्र में अपनी गतिविधियों से दमदार उपस्थिति दर्ज कराएगा, उसका टिकट फाइनल होगा और
जिसके लिए तय अवधि में स्थानीय मुद्दों पर जनांदोलन, बैठकें, गोष्ठियां और सचिव स्तर के पदाधिकारियों के क्षेत्र में कार्यक्रम के आधार पर मूल्यांकन होगा।