उत्तर प्रदेश में बच्चों के स्कूल आने की इजाजत सरकार ने अभी भी नहीं दी है।
हालांकि एक जुलाई से प्रशासनिक काम के लिए स्कूल खुल गए हैं।

जिसके तहत सरकार ने केवल टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को स्कूल आने की इजाजत दी है।
और वहीं बच्चों को अभी ऑनलाइन ही क्लास अटेंड करने के लिए कहा गया है।

अगले आदेश तक स्कूल रहेंगे बंद
यूपी सरकार ने कक्षा 1 से 12 तक के सभी परिषदीय और निजी स्कूल को अगले आदेश तक बंद रखने के आदेश दिए।
आपको बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते डेढ़ साल से विद्यालयों में शिक्षण कार्य बंद है।

यहां तक की इस बार बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाओं को भी नहीं कराया गया।

जो कि यूपी बोर्ड के अब तक के इतिहास में पहली बार हुआ है , जब सभी छात्रों को जनरल ढंग से उत्तीर्ण किया जा रहा है।
बहरहाल, अब 2021 में आई कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ने लगी है साथ ही उत्तर प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू को हटा लिया गया है।

सभी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां भी शुरू हो चुकी हैं, लेकिन तीसरे लहर के खतरे के चलते, स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को खोलने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
बच्चों के टीकाकरण को अहम मान रही सरकार
योगी सरकार का मानना है कि जब तक बच्चों का टीकाकरण नहीं शुरू हो जाता तब तक स्कूल खोलने का जोखिम लेना मूर्खता है।
इसलिए योगी सरकार के इस फैसले से ज्यादातर अभिभावक सहमत हैं।

हालांकि देश में कोरोना की दूसरी लहर के कम होने के बाद दूसरे राज्यों की बात करें तो कई राज्यों में स्कूल खोलने की कवायद जारी है
कुछ राज्य इसके लिए प्लान बना रहे हैं, तो वहीं कइयों ने स्कूल खोलने का एलान ही कर दिया है।

विद्यार्थियों के आने पर रोक के साथ यूपी में एक जुलाई से ही स्कूल खुल गए हैं। स्कूल में सिर्फ शिक्षक और गैर शिक्षकों को आने की अमुमति मिली है।
बच्चों को अभी घर बैठे ही पढ़ाई करनी होगी ।
खुल सकते है फिर से स्कूल
आपको बता दें कि पिछले वर्ष कोरोना गाइडलाइन के साथ स्कूल खुले थे, बच्चे भी स्कूल जाया करते थे
लेकिन उसके बाद से हालात बिगड़ने पर अब तक स्कूलों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद रखा गया है। जो कि योगी सरकार का एक अहम और सही फैसला कहा जा सकता है।

वहीं अब यूपी में कोरोना की रफ्तार की ढीली होने के साथ सरकार बच्चों के लिए स्कूल खोलने के निर्णय पर विचार कर रही है
जिसके संबंध में सरकार अभिभावकों से लिखित सहमति पत्र चाहती है ।

यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजा था,
जिसमें अभिभावकों से विद्यालय खोलने के संबंध में फीडबैक लेने के लिए कहा गया है।
How it can be defined?
I confirm. I agree with told all above. We can communicate on this theme.