भोले बाबा को नाग बहुत प्रिय है। इसलिए भोले बाबा के गले की शोभा नाग देवता बढ़ाते हैं ।पौराणिक काल से ही सांपों को देवता के रूप में पूजा जा रहा है। सावन मास के पवित्र महीने में नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है ।नाग पंचमी का त्योहार हर वर्ष सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है ।इस दिन पूरे विधि विधान से नाग देवता की पूजा अर्चना की जाती है ।क्योंकि भोले बाबा को नाग बहुत पसंद है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा अर्चना करने से उनका आशीर्वाद मिलता है।
नाग पंचमी का महत्व:
सावन में भोले बाबा की पूजा के साथ नाग देवता की पूजा करना शुभ माना गया है। भगवान शिव के साथ नाग देवता का रूद्रविषेक करना शुभ माना गया है ।नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है। नाग देवता की विधि विधान से पूजा करने से घर में आपके सुख ,शांति और समृद्धि आती है।
नाग पंचमी के दिन किन नागों की पूजा की जाती है?
विशेष रुप से नाग पंचमी के दिन इन नागों पर दूध अर्पित किया जाता है ।हिंदू शास्त्र के अनुसार इन नागों का विशेष महत्व माना जाता है ।यह कुल 12 नाम है जिनका महत्व विशेष है ।
इन नागों के नाम इस प्रकार हैं अनन्त, वासुकि, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, कालिया, तक्षक और पिङ्गल नाग हैं।
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