ऐसे समय में जब भारत कोरोनावायरस के खिलाफ बहादुरी से लड़ रहा है और स्थितियां सामान्य हो रही हैं तो ऐसे में तमाम लोगों के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार भी देखने को मिल रहे हैं. उनके इस व्यवहार से स्थितियां फिर से भयावह हो सकती है. आंकड़ों की बात करें तो पिछले कुछ हफ्तों में भारत में कोरोनावायरस के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है, मगर कुछ राज्यों में लॉकडाउन से प्रतिबंध हटा लिए गए हैं, जिसके कारण वहां भीड़-भाड़ बढ़ने लगी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चेतावनी जारी की है
खासकर इस समय हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला, मनाली और धर्मशाला समेत भारत के अन्य कई पर्यटन स्थलों पर भीड़ इकट्ठा हो रही है.
इस प्रकार की भीड़ हमें दोबारा कोरोना के संकट में डाल सकती है. इस तरह की घटनाओं पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चेतावनी जारी की है. वहीं विशेषज्ञों की माने तो अभी भी स्थिति को सामान्य नहीं माना जा सकता है, क्योंकि कोरोनावायरस अभी भी हमारे बीच हैं और यह कभी भी हमला कर सकता है.
कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए हिल स्टेशनों और बाजारों में घूमने वाले लोगों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिंता जाहिर की है. मंत्रालय ने चेतावनी दी है की इस प्रकार की लापरवाही कोरोनावायरस के खिलाफ की गई अब तक की लड़ाई को समाप्त कर सकती है. साथ ही यह भी कहा है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा यह ‘रिवेंज ट्रेवल’ जैसा है।
हिल स्टेशनों और बाजारों में बिना मास्क के घूमने वाले लोगों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा यह ‘रिवेंज ट्रेवल’ जैसा है. अभी तक लोग घरों में बैठे थे और जैसे प्रतिबंध कम हुआ वह घूमने निकल पड़े। उन्होंने कहा की प्रतिबंध खत्म होने का मतलब यह नहीं है की महामारी खत्म हो गई है. कुछ लोगों को यह लगता है कि अगर प्रतिबंध खत्म हो गया है तो महामारी खत्म हो गई है, जबकि ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि हिल स्टेशनों और बाजारों में बिना सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के बगैर घूमने वाले लोग महामारी के खिलाफ लड़ाई के लाभ को कम कर सकते हैं.
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