नई दिल्लीः मानसून सत्र को भारती हंगामे के बाद स्थगित करने के बाद विपक्ष अब सड़कों पर आ गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने कृषि कानून, पेगासस जासूसी सहित अन्य मामलों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। इस मार्च में नेता बैनर और तख्तियां लेकर चलते नजर आए। विपक्षी नेताओं के बैनर पर जासूसी बंद करने, लोकतंत्र की हत्या बंद करने और कृषि काले कानून वापस लो जैसे नारे लिखे हुए थे।
इस पैदल मार्च से पहले विपक्षी नेताओं की बैठक हुई, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे (राज्यसभा में नेता विपक्ष), राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी (लोकसभा में विपक्ष के नेता), जयराम रमेश, आनंद शर्मा, NCP के मुखिया शरद पवार, सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव समेत कई विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।
मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में महंगाई, कृषि कानून, जासूसी, महिला सांसदों के साथ कथित धक्कामुक्की, राज्यसभा में ‘सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में’ बिल पास कराने पर चर्चा हुई।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया था कि सदन में विरोध प्रदर्शन के दौरान महिला सुरक्षाकर्मियों द्वारा विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की कर उनका अपमान किया, लेकिन सरकार ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि ‘असत्य के मार्ग पर चलना कांग्रेस की आदत में शामिल है’।
महिला सांसदों के साथ अपमान की बात को और मजबूत बनाते हुए NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, “55 साल की संसदीय राजनीति में ऐसा पहली बार देखा जहां महिला सांसदों का अपमान किया गया हो”।
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