15 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी आएंगे. पीएम मोदी “रुद्राक्ष” अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन करेंगे। इसेक साथ ही पीएम मोदी बीएचयू का दौरा भी कर सकते है।

कार्यक्रम में उनके साथ जापान के प्रतिनिधि भी होंगे । जिसके तहत रुद्राक्ष को जापानी शैली में सजाया जा रहा है। रुद्राक्ष कन्वेंसन सेंटर परिसर में प्रधानमंत्री रुद्राक्ष के पौधे को भी लगाएंगे।

बता दें कि कार्यक्रम के दौरान रुद्राक्ष कन्वेंसन सेंटर में इन्डोजापन कला और संस्कृति की झलक भी दिखेगी इसके साथ ही रुद्राक्ष कन्वेंसशन सेंटर पर बने 3 मिनट के ऑडियो विजुअल को भी “रुद्राक्ष” में प्रधानमंत्री मेहमानों के साथ देखने की संभवना जताई जा रही है। वहीं खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री का यहां करीब 500 लोगों से संवाद करना भी प्रस्तावित है।

धार्मिक स्थल के रूप में दुनिया के सबसे प्राचीन शहर काशी में रूद्राक्ष का निर्माण करके जापान ने भारत से दोस्ती का एक ऐसी नींव रुद्राक्ष के रूप में दिया है ,जहां आप बड़े म्यूजिक कंसर्न, कांफ्रेंस, नाटक और प्रदर्शनियां जैसे कार्यक्रम दुनिया के बेहतरीन उपकरणों और सुविधाओं के साथ कर सकेंगे।

जब जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी लेकर आए थे। तभी इस कन्वेंशन सेंटर की नींव 2015 में उस समय पड़ गई थी।

बता दें कि शिवलिंग की आकृति वाले इस वाराणसी कन्वेंशन सेंटर में स्टील के 108 रुद्राक्ष के दाने भी लगाए गए है। रूद्राक्ष जितना खूबसूरत ये देखने में लग रहा है, उतनी ही खूबियों और आधुनिक तकनीकी से भरपूर भी है।

आपको बता दें कि रुद्राक्ष को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने फंडिंग किया है। इसके साथ ही डिजाइन भी जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है। और निर्माण का काम भी जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है।

जानिए क्या है रूद्राक्ष
रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर वाराणसी के सिगरा में, तीन एकड़ (13196 sq mt ) में,186 करोड़ की लागत से बना है जिसमें 120 गाड़ियों की पार्किंग बेसमेंट में हो सकती है। ग्राउंड फ्लोर और प्रथम तल ,को लेकर हाल होगा जिसमे वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियों पर 1200 लोग एक साथ बैठ सकते है।

दिव्यांगों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए, उनके लिए भी दोनों दरवाजो के पास 6-6 व्हील चेयर का इंतजाम है। इसके अलावा शैचालय भी दिव्यांगों फ्रेंडली बनाए गए है। वहीं हाल में बैठने की छमता पार्टीशन से कम या ज्यादा भी किया जा सकता है।

सेंटर में आधुनिक ग्रीन रूम भी बनाया गया है। 150 लोगों की छमता वाला दो कॉन्फ्रेंस हाल या गैलरी भी है। जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से सुसज्जित है। इसके अलावा हाल को भी जरूरत के मुताबिक घटाया और बढ़ाया जा सकता है।

रुद्राक्ष में छोटा जैपनीज़ गार्डन बनाया गया है। 110 किलोवाट की ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगा है। वीआईपी रूप और उनके आने-जाने का रास्ता भी अलग से है। रुद्राक्ष को वातानुकूलित रखने के लिए इटली के उपकरण लगे है।

दीवारों पर इस्तेमाल किए गए ईंट ताप को रोकते और कॉन्क्रीट के साथ फ्लाई ऐश का भी इस्तेमाल किया गया है। निर्माण और उपयोग की चीजों को देखते हुए, ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट (GRIHA) की और से रुद्राक्ष को ग्रेडिंग तीन मिली है। रुद्राक्ष में कैमरा समेत सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम है। आग से भी सुरक्षा के उपकरणों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
इस रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का निर्माण 10 जुलाई 2018 को शुरू हुआ था। भारत जापान की दोस्ती का प्रतीक रुद्राक्ष बन कर तैयार हो गया है।
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