प्रलय को दावत क्यों? विकास के लिए प्रकृति से छेड़छाड़!

by | 17 Aug 2021, 10:46:am

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत चल रहे ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ के निर्माण कार्यों में विस्फोटकों के इस्तेमाल से बाबा का धाम जोरों से कांप उठा। कहा जा रहा है कि राज्य की सरकार ने धाम पर आने की रोक लगा रखी है इस कारण अधिकारियों ने ब्लास्टिंग के ज़रिए निर्माण कार्य को अंजाम दिया ब्लास्टिंग के समय मंदिर में केवल तीर्थ पुरोहित ही मौजूद थे इसलिए वहाँ हुई इस ब्लास्टिंग के बाद तीर्थ पुरोहितों ने नाराज़गी जतायी है।

ड्रीम प्रोजेक्ट के अंतर्गत चल रहे दूसरे चरण के निर्माण कार्यों का तीर्थ पुरोहितों ने विरोध किया और कहा कि इससे साल 2013 की विनाशकारी आपदा की याद ताजा हो रही है।

निर्माण कार्यों में विस्फोटकों का प्रयोग

तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि प्रलय के बाद जो निर्माण कार्य किए गये थे उन निर्माण कार्यों को भी तोड़ा जा रहा है जिस प्रकार ब्लास्टिंग के जरिए घाट तोड़े जा रहे है और इस क्षेत्र में घाटों को तोड़ने के लिए ब्लास्टिंग की जा रही है इससे आगे आने वाले समय में केदारनाथ धाम ख़तरे या किसी बड़ी आपदा का कारण बन सकता है|

ड्रीम प्रोजेक्ट के कारण बाबा के धाम को नुकसान

प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत चल रहे दूसरे चरण के निर्माण कार्य में ब्लास्टिंग की खबर सामने आयी है जिससे मंदिर के तीर्थ पुरोहित अपनी नाराज़गी जता रहे है उनका कहना है कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के नाम पर अधिकारियों द्वारा घाटों को तोड़ दिया गया जिससे मंदिर थर- थरा उठा। मंदिर के पुजारियों का कहना है की उत्तराखंड सरकार द्वारा आपदा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 28 करोड़ की लागत से मंदाकिनी नदी के किनारे बने घाटो का निर्माण कराया था।उन्होंने कहा मंदिर के पैसों का दुरूपयोग भी किया जा रहा है पहले से निर्मित घाटों को तोड़कर पुनः बनाया जा रहा है जिससे समय और धन दोनो का नुक़सान किया जा रहा है।


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