नई दिल्लीः आपने आज तक सुना या फिर देखा होगा कि लोग पढ़ाई के डर से स्कूल या फिर घर छोड़ देते हैं। लेकिन, दिल्ली के द्वारका में ऐसा मामला सामने आया है जो बच्चों और माता-पिता दोनों के लिए बड़ी सीख है। दरअसल दिल्ली में एक पिता ने अपनी बड़ी लड़की की पढ़ाई 12वीं के बाद छुड़वा दी और छोटी बेटी की पढ़ाई को छुड़वाने की आशंका थी। हालात को देखते हुए बड़ी बेटी ने अपनी बहन को लेकर घर छोड़ दिया।
दोनों बहनों को ढूंढने के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच की AHTU को काफी मेहनत करनी पड़ी। हर मुश्किल परिस्थितियों का डट का सामने करने वाली AHTU की टीम ने दोनों के दोस्त के जरिए उन्हें ढूंढ निकाला। एक तरफ जहां छोटी बहन दिल्ली में ही मिली वहीं बड़ी बहन रोहतक में सकुशल तलाशी गई। दोनों बहनों ने तभी घर जाने का फैसला किया जब पिता ने दोनों की पढ़ाई को आगे जारी रखने की बात कही।
DCP मोनिका भारद्वाज ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, 4 अगस्त को उत्तरी द्वारका थाने में ककरोला से दो बहनों के गायब होने की रिपोर्ट उनके पिता ने दर्ज कराई थी। इसके बाद में दोनों बेटियों की तलाश में AHTU के ACP सुरेंद्र कुमार गुलिया, इंस्पेक्टर महेश पांडे और हेडकांस्टेबल संदीप कुमार ने कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया।
इस सर्च ऑपरेशन के बाद AHTU की टीम ने छोटी बहन को 6 अगस्त की रात कश्मीरी गेट ISBT सकुशल बरामद किया। जब ACP सुरेंद्र कुमार गुलिया की टीम ने छोटी बहन से पूछताछ की तो दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया। बच्ची ने बताया कि उसकी बड़ी बहन 12वीं में थी और पिता ने उसकी पढ़ाई बंद करवा दी थी, लेकिन वो आगे पढ़ना चाहती थी।
ऐसे में बड़ी बहन को लगा कि पिता छोटी बहन की भी पढ़ाई भी बंद करवा देंगे। जिसके बाद दोनों बहनों ने घर छोड़ दिया और हरिद्वार चली गईं थीं। वहां उनकी मुलाकात ऐसे दो अंजान लड़कों से हुई जो खुद नौकरी खोज रहे थे। हरिद्वार में नौकरी नहीं मिलने के बाद दोनों बहने लड़कों के साथ हरियाणा के झज्जर आ गईं।
पुलिस को बच्ची ने बताया कि जब गुजारा मुश्किल हो गया तब बड़ी बहन ने उसे घर जाने की हिदायत देते हुए कश्मीरी गेट पर छोड़ दिया। बच्ची ने अपने साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार को नकार दिया जिसके बाद उसे लोकल पुलिस के हवाले कर दिया गया।
बड़ी बहन के पास कोई मोबाइल नहीं था वहा राहगीरों के फोन के जरिए अपने ट्यूशन में पढ़ने वाले सहपाठी से लगातार बता करती रहती थी। AHTU की टीम में अपनी जांच में उस सहपाठी तक पहुंची तो उन्हें उन नंबर्स का पता चला जिसके बाद दोनों की लोकेशन जानने के लिए नंबर को ट्रेस किया गया। इस बार जब एक नए नंबर से लड़की ने अपने ट्यूशन में पढ़ने वाले मित्र को फोन किया तब पुलिस ने उस मित्र के जरिए लड़की एक अच्छी नौकरी दिलाने और रहने का ऑफर दिलवाया। लड़की ने अपने मित्र को बताया कि वो सिरसा में और जल्द ही रोहतक पहुंच जाएगी।
जिसके बाद पुलिस ने रोहतक बस अड्डे पर लड़की का इंतजार किया। बता दें कि इस दौरान पुलिस लड़की की चाची, पिता और उसके ट्यूशन के सहपाठी को भी साथ ले गई थी। किसी भी तरह की लापरवाही और बवाल ने हो इसके पुलिस ने पहले लड़की की चाची को उसके पास भेजा, जिन्हें लड़की ने पहचानने से इंकार कर दिया। इसके बाद पुलसि ने लड़की के पिता ने बेटी के सामने अपनी भावनाओं का इजहार किया तब बेटी घर वापस आने को राजी हो गई। दोनों बेटियों की पढ़ने और समाज में आगे बढ़ने की इस चाहत को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने अपने युवा प्रोग्राम के तहत उनकी मदद की पेशकश की है।
I have seen in nuber of times that AHTU team is doing a commendable to discover the lost children and old aged persons. This work is also heart rending in meeting the both the girls to their parents. Wonderful job done. I SALUTE to this team who with great efforts in seeking the lost girls to take them in right direction.