दिल्लीः क्राइम ब्रांच पुलिस की AHTU ने एक महिला और दो बेटियों को बरामद किया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस के ACP सुरेंद्र कुमार गुलिया की टीम ने महिला और दोनों बेटियों को पंजाब के अमृतसर से बरामद किया है।

दरअसल 5 अक्टूबर 2015 को बरामद की गई महिला ने अपनी 11 साल और 5 साल की दो बेटियों के साथ घर छोड़ दिया था।

इस मामले में 6 अक्टूबर 2015 को दिल्ली के सुल्तानपुरी थाने में 15-A के तहत गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन, स्थानीय पुलिस जब महिला और दोनों बेटियों का पता लगाने में सफल नहीं हो पाई तो दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशानुसार मामले को AHTU में ट्रांसफर कर दिया गया।

दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद क्राइम ब्रांच के तेज तर्रार ACP सुरेंद्र कुमार गुलिया के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। इस टीम में इंस्पेक्टर महेश पांडे और ASI रामदेव को टीम में शामिल किया गया था।

इस टीम ने शुरुआत में काफी प्रयास किया लेकिन लापता लोगों को खोजने में सफल नहीं हो सकी। इस दौरान पुलिस ने महिला के पति, घर वालों और रिश्तेदारों से पूछताछ की।

लापता महिला की तलाश में व्यापक प्रचार किया गया। समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और रेडियो के माध्यम से प्रचार किया गया।

वहीं किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानने वाले ACP सुरेंद्र कुमार गुलिया ने महिला का पता बताने वाले को एक लाख रुपए इनाम की घोषणा की और अन्य राज्यों की पुलिस के साथ-साथ आश्रय गृहों में भी पूछताछ की।

ACP सुरेंद्र कुमार गुलिया ने CAW (क्राइम अगेंस्ट वुमन) सेल में लापता महिला का केस लड़ रहे वकील से भी बातचीत की। लेकिन वहां से कोई खास जानकारी नहीं मिली।

क्राइम ब्रांच पुलिस ने जारी रखे प्रयास

ACP सुरेंद्र कुमार गुलिया ने जब परिवार के पूछताछ की तो पता चला कि महिला का झुकाव सिख धर्म की तरफ था, वो गुरुद्वारों में भी सेवा करती थी और दरबार साहिब (श्री हरमंदिर साहिब) में सेवा करने की इच्छुक थी।

इसके बाद ACP सुरेंद्र कुमार गुलिया की टीम ने अपनी कड़ी मेहनत और कुशलता से 16 जुलाई 2021 को लापता महिला और दोनों को बेटियों को अमृतसर से बरामद कर लिया।

बरामद महिला ने किया खुलासा

ACP सुरेंद्र कुमार गुलिया के सामने बरामद की गई महिला ने खुलासा किया कि वो अपने पति और उसके माता-पिता के व्यवहार से परेशान हो गई थी। जिसके बाद उसने घर छोड़ दिया और लोगों की नजरों से बचने के लिए उन्होंने कभी सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी नहीं किया।

आपको बता दें कि महिला सिख धर्म अपनाकर अपनी दोनों बेटियों के साथ स्वर्ण मंदिर के पास रह रही।