सावन के महीने में विशेष त्यौहार आते हैं। सावन को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा पाठ और व्रत के लिए सबसे अच्छा महीना माना जाता है। इस महीने माता पार्वती और भगवान भोले बाबा की पूजा की जाती है। विशेष महत्व माना जाता है सावन के महीने में होने वाले व्रत त्यौहार का। ऐसे में सावन के महीने में हरियाली तीज का भी विशेष महत्व है।
इस दिन भगवान भोले बाबा और माता पार्वती का पुनर्मिलन मिलन हुआ था। 11 अगस्त को इस साल हरियाली तीज पड़ रही है. जानिए व्रत की विधि और महत्व।
हरियाली तीज व्रत का महत्व।।
सुहागिनों के लिए हरियाली तीज का व्रत बहुत ही खास होता है। इस दिन माता गौरी और भगवान शिव की पूजा की जाती है। पूजा में श्रृंगार का सामान महागौरी को अर्पित किया जाता है उसके बाद हरियाली तीज की व्रत कथा सुनी जाती है।
सावन मास के शुक्ल पक्ष में हरियाली तीज हर साल सावन महीने की तृतीय तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत का से शुभफलदायी और लाभदायक होता है।
व्रत का शुभ मुहूर्त।।
10 अगस्त 2021 को हिंदू पंचांग के अनुसार तृतीय तिथि शाम 6:03 से शुरू होकर 11 अगस्त 2021 को 5:01 पर समाप्त होगी।
पहला मुहूर्त पूजा का सुबह 4:24 से 5:17 तक और दूसरा दोपहर 2:30 से 3:07 तक रहेगा।
हरियाली तीज की पूजा विधि।।
सुहागिन स्त्रियां आज के दिन स्नान आदि से निवृत होकर मायके से आए हुए कपड़े पहनते हैं।सबसे पहले आज के दिन शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें। ध्यान रखे वो मुहूर्त पूजा का शुभ मुहूर्त होना चाहिए।
सोलह सिंगार की सामग्री मां पार्वती को साड़ी अर्पित करें जैसे अक्षत ,धूप ,दीप ,गंधक ।
भोले बाबा को भांग ,धतूरा, अक्षत ,बेलपत्र ,श्वेत, फूल ,गंधक धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं। गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज व्रत कथा सुने। फिर भोले बाबा और मां पार्वती की आरती करें।
0 Comments