वाराणसी में श्रृंगार गौरी केस के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। श्रृंगार गौरी केस में एक पक्ष के पैरोकार और विश्व वैदिक सनातन संघ के संस्थापक जितेंद्र सिंह बिसेन ने पॉवर ऑफ अटॉर्नी प्रतापगढ़ में भदरी रियासत के नरेश उदय प्रताप सिंह को सौंप दी है। आपको बता दें कि उदय प्रताप सिंह, जनसत्तादल पार्टी के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भईया के पिता हैं।
बड़े राजा उदय प्रताप सिंह ने वाराणसी में हुंकार भरते हुए कहा कि वो हर संघर्ष के लिए तैयार हैं, इस केस में गिरफ्तारी तो छोड़िए अगर मेरी जान भी जाती है तो मैं उसकी परवाह नहीं करूंगा।
मीडिया से बातचीत के दौरान राजा उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मैंने जब सुना कि जितेंद्र सिंह बिसेन श्रृंगार गौरी केस में पीछे हटे तो कापी पीड़ा हुई। जिसके बाद मैंने जितेंद्र सिंह बिसेन का साथ देने का वादा किया। साथ ही अन्य पक्षकारों से साथ में आने का आह्वान किया। भदरी नरेश ने कहा कि अगर वो सभी साथ में आते हैं तो उनका स्वागत है।
वहीं श्रृंगार गौरी केस के मामले में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि इस केस से विधायक और उनके बेटे रघुराज प्रताप सिंह का कोई लेना देना नहीं है।
आपको बता दें कि अगस्त 2021 में वाराणसी की चार महिलाओं और जितेंद्र सिंह बिसेन, रंजना अग्निहोत्री ने सिविल जज से ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी स्थल पर दैनिक पूजा की अनुमति का मामला दायर किया था।
6 बार राम मंदिर आंदोलन में दी गिरफ्तारी
अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में भदरी नरेश राजा उदय प्रताप सिंह ने 6 बार गिरफ्तारी दी है। वे इस आंदोलन के शुरू होने से लेकर आंदोलन के पूरे होने तक जुटे रहे। राजा उदय प्रताप सिंह ने अपना जीवन हिन्दुत्व के लिए समर्पित कर दिया और अब जब रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है तो उनकी खुशी भी इस वक्त सातवें आसमान पर है।
मंदिर का पुनर्निर्माण जल्द होगा
वाराणसी पहुंचने पर भदरी नरेश का भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर जितेंद्र सिंह बिसेन और संतोष सिंह ने कहा कि भदरी नरेश के साथ आने से अब मनोबल चरम पर है। उन्होंने कहा कि भदरी नरेश अब हर पेशी पर साथ में होंगे। भदरी नरेश राजा उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आदि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के पुनर्निर्माण का रास्ता प्रशस्त करेंगे।
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