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अडानी के कमबैक से हिला बाजार, दिया मुंहतोड़ जवाब !

गौतम अडानी भारत का वो उद्योगपति जो मुश्किल से मुश्किल दौर में चेहरे पर मुस्कुराहट बनाए रखता है. भारत में एक प्रसिद्ध कहावत है कि शेर अगर दो कदम पीछे हटे तो समझ लेना कि उसका वार तगड़ा होगा. कुछ ऐसा ही कर दिया है भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के शेयरों ने.

अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियो के शेयर इस वक्त रॉकेट की रफ्तार से ऊपर भाग रहे हैं. इसी के साथ अमेरिका और भारत में बैठे भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के विरोधियों नींद गायब होने वाली है.

अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भीतेज सागर अडानी पर अमेरिकी SEC ने धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी का भ्रामक और बेबुनियाद आरोप लगाया था. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली. लेकिन, अब भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की वापसी से उनके विरोधियों की नींद हराम हो चुकी है.

24 घंटे भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के नाम की माला जपने वाले विपक्ष में बैठे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, उनके समर्थकों और अन्य नेताओं के मुंह पर निवेशकों ने करार तमाचा मारने का काम किया है.

BSE पर आडानी टोटल गैस में 7.33%, आडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर में 14.64%, आडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 13.54%, आडानी पावर में 4.90% और NDTV के शेयर में 4.54% की तेजी देखने को मिली.

आडानी पोर्ट्स का 2.25%, अंबुजा सीमेंट्स का 2.90%, सांघी इंडस्ट्रीज का 2.44%, आडानी विल्मर का 2.24%, अदाणी एंटरप्राइजेज का 2.11% और ACC का 1.34% तक शेयर उपर चढ़ा है.

निफ्टी और सेंसेक्स भी बुलिश

भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के शेयरों की वापसी के साथ भारतीय बाजार में भी रौनक लौटती दिखी. BSE का सेंसेक्स 688.31 की बढ़ोतरी के साथ 79,732.05 पर खुला. वहीं निफ्टी 50 में भी आज बढ़ोतरी देखने को मिली है. 192.65 अंक जबदस्त बढ़त के साथ 24,106.80 अंक पर करोबार करने के लिए तैयार हुआ.

मौद्रिक दंड लगाने की संभावना

अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी यानी IHC ने अडानी ग्रुप के संस्थापक चेयरमैन भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी SEC के बावजूद ग्रुप में निवेश को लेकर उसने नजरिया नहीं बदलने की बात कही है. श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण और तंजानिया सरकार ने भी अडानी ग्रुप को पूरा समर्थन देने का वादा किया है.

अडानी ग्रुप का कहना है कि भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम यानी FCPA के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है, बल्कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया है जिसमें मौद्रिक दंड लगाया जा सकता है.

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