राजनीति में स्थाई दोस्त की बात करना किसी हास्य से कम नहीं होता, नेता इसे अपनी सुविधा के अनुसार बदलते रहते हैं। बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने इस सुविधा का लाभ भरपूर उठाया है।
अपने 43 साल के राजनीतिक सफर में इनको मौसम वैज्ञानिक की रूप में जनता जानती है। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस से की थी और इसके बाद जनता दल, जेडीयू, बीजेपी के साथ ये सत्ता में रहे।
साल 1980 से अपनी सियासी पारी की शुरुआत करने वाले बिहार के दिग्गज नेता जीतनराम मांझी ने अबतक 8 बार पाला बदल चुके हैं।
कयास लगाए जा रहें कि मांझी अब एक बार एनडीए की नौका के खेवैया बन सकते हैं।
बिहार के राजनीति गलियारों में मांझी के महागठबंधन से अलग होने की खबरों ने तूफान मचा रखा है।
27 जनवरी को बिहार के सीएम नीतीश कुमार को नहीं छोड़कर जाने की कसम खाने वाले मांझी की नैया महज 107 दिनों में ही डोल चुकी है।
जीतनराम मांझी ने 18 जून को ‘हम’ पार्टी की बैठख बुलाकर पार्टी की नई रूपरेखा तैयार करने का फैसला लिया है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार वो शख्स हैं जिन्होंने जीतनराम को बिहार के राजा की कुर्सी को सजा कर दिया था। जिसके बाद जीतनराम मांझी की पूरे भारत में एक अलग पहचान बनी थी।
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