पर्थ के ऐतिहासिक क्रिकेट मैदान पर खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने दमदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराया.
इस जीत के साथ भारत ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है. यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खास है, क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई धरती पर भारत ने इतनी प्रभावी शुरुआत पहले कभी नहीं की थी.
मैच में भारतीय गेंदबाजों ने दिखाया दम
पर्थ के मैदान में भारतीय तेज गेंदबाजों ने आग उगली है. कप्तान जसप्रीत बुमराह की अगुवाई में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के पांव ही नहीं जमने दिए.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में कप्तानी रहे धारदार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने 8, सिराज ने 5, हर्षित राणा ने 4, वॉशिंगटन सुंदर ने 2 और नितीश रेड्डी ने 1 विकेट झटका. पहली पारी में जहां भारतीय टीम ज्यादा कमाल नहीं कर पाई और पूरी 150 रन पर ही सिमट गई.
वहीं दूसरी पारी में भारतीय टीम ने शानदार वापसी करते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 486 रन बनाकर पारी को घोषित कर दिया. इसके बाद दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भारतीय तेज गेंदबाजों के सामने पानी मांगते नजर आए. कंगारुओं की पूरी टीम 238 रन के स्करो पर पवेलियन में बैठी नजर आई.
पिछले दौरे की छवि और नई ऊर्जा
यह जीत भारतीय टीम की कड़ी मेहनत और मानसिक दृढ़ता का प्रमाण है. 2020-2021 के पिछले दौरे में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रचा था. लेकिन इस बार टीम का आत्मविश्वास और तैयारी दोनों और मजबूत नजर आई. युवा खिलाड़ियों और अनुभवी खिलाड़ियों का सही तालमेल इस जीत का सबसे बड़ा कारण रहा.
आगे की चुनौतियां
हालांकि, सीरीज अभी लंबी है और ऑस्ट्रेलिया को हल्के में लेना बड़ी भूल हो सकती है। भारतीय टीम को इस जीत की लय को बरकरार रखते हुए अगले मैचों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
पर्थ में मिली यह ऐतिहासिक जीत भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण है। सीरीज में 1-0 की बढ़त ने टीम का आत्मविश्वास बढ़ा दिया है। अब टीम का अगला लक्ष्य इस सीरीज को जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपने नाम करना है। भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है, और टीम का प्रदर्शन नई ऊंचाइयों को छूने की ओर बढ़ रहा है।