व्हाइट हाउस में एक बार फिर राष्ट्रपति के रूप में डॉनल्ड ट्रंप ने वापसी कर ली है। राष्ट्रपति बने डॉनल्ड ट्रंप ने विपक्ष की नेता और पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हरा दिया है, डॉनल्ड ट्रंप को बहुत 270 से ज्यादा 277 इलेक्टोरल वोट मिले हैं।
डॉनल्ड ट्रंप इससे पहले 2016 में चुनाव जीते थे। साल 2020 में वो दोबारा चुनाव लड़े थे लेकिन उस दौरान डॉनल्ड ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में ऐसा 132 साल बाद हुआ है जब अमेरिका का दोबारा राष्ट्रपति बना है लेकिन उसने चुनाव लगातार नहीं जीता है।
आपको बता दें कि डॉनल्ड ट्रंप से पहले ग्रोवर क्लीवलैंड साल 1884 में फिर साल 1892 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। आइए हम आपको वो 5 वजह बताते हैं जो डॉनल्ड ट्रंप की जीत को खास बनाती हैं।
अगर वोक्स की रिपोर्ट की मानें तो डॉनल्ड ट्रप की जीत में सबसे बड़ी वजह ग्रामीण क्षेत्रों से समर्थन बढ़ना रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान ही ये अंदाजा लगा लिया गया था कि डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी प्रतिद्वंदी कमला हैरिस पर हावी रहेंगे। बस सवाल यही था कि क्या ट्रंप 2020 के मुकाबले में जीत का अंतर बढ़ा पाएंगे यहा नहीं।
डॉनल्ड ट्रंप ने केंटकी, इंडियाना, उत्तरी कैरोलिना और जॉर्जिया में अपने समर्थन को बढ़ाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है।
डेमोक्रेट्स कस्बाई इलाकों में कमजोर पड़े:
डॉनल्ड ट्रंप ने जहां ग्रामीण इलाकों में बंपर जीत हासिल की वहीं कमला हैरिस को शहरी इलाकों और उपनगरों में भी हासिसल करनी थी। कमला हैरिस की पार्टी को 2016 में भी इन इलकों में बढ़त हासिल हुई थी लेकिन इस बार यहां ट्रंप ने बाजी मार ली, वहीं कुछ इलाकों में तो कमला हैरिस का अंतर जो बाइडन से भी कम रहा है।
लैटिन मतदाताओं का नहीं मिला समर्थन:
डॉनल्ड ट्रंप की जीत और कमला हैरिस की हार में एक वजह ये रही कि लैटिन मतदाताओं ने डेमोक्रेटिक पार्टी को समर्थन ही नहीं किया।
डॉनल्ड ट्रंप को अश्वेत मतदाताओं ने भी अपना समर्थन दिया है। मियामी-डेड काउंटी में अश्वेत मतदाताओं ने अपना प्यार ट्रंप पर लुटाया। क्यूबा में डेमोक्रेट का गढ़ माने जाने वाली आबादी ने भी डॉनल्ड ट्रंप के समर्थन में मतदान किया है।
एंटी इंकम्बेंसी डेमोक्रेट के खिलाफ:
अमेरिका में साल 2022 में आई महामारी के बाद से ऐसा ट्रेंड देखा जाता रहा है कि सत्ताधारी पार्टियों को सत्ता में बने रहने के लिए काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, जापान और ऑस्ट्रिया जैसे देशों में सत्ताधारी दल काफी कमजोर हुआ या फिर उसे सत्ता से बाहर का रास्ता देखना पड़ा। अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के खिलाफ ये असर देखने को मिला और कमला हैरिस को हार का सामना करना पड़ा है।
डॉनल्ड ट्रंप की जीत की 5वीं वजह:
ऐसा माना जाता है कि डॉनल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में दोबारा पहुंचने के लिए भावनात्मक मुद्दों को ज्यादा ही बढ़ाया है। पलायन और अर्थव्यवस्था के मुद्दे को अमेरिका के मतदाताओं ने काफी गंभीरता से लिया है। डॉनल्ड ट्रंप की तरफ से जब इन मुद्दों पर जनता के बीच अपनी बात रखी तो उनपर ज्यादा भरोसा किया गया।