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यूपी से पलयान रोकने की तैयारी में सीएम योगी!.. गरीब कामगारों को देने जा रहे बढ़ा तोहफा

सीएम योगी आदित्यनाथ अपने उस वादे को पूरा करने की तैयारी कर रहे हैं जो उन्होंने कोरोना काल में उत्तर प्रदेश के गरीब कामगारों से किया था।

योगी सरकार ने गरीब कामगारों को रोजगार देने के लिए एक बढ़िया योजना लेकर आई है, इस योजना के तहत गरीब कामगारों को दोना-पत्तल बनाने वाली मशीन मुफ्त में दी जाएगी।

यूपी सरकार का मानना है कि इस योजना से लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ में MSME सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना के मदद से उन ग्रामीण कामगारों को रोजगार मिलेगा जो अपने गांव में रहकर काम करना चाहते हैं और कमाई का साधन नहीं होने से वो काफी पीछे रह गए।

हम आपको बताते हैं कि कैसे आप इस योजना से जुड़कर लाभ ले सकते हैं और इसके लिए कौन-कौन से कागजात जमा करने होंगे।

योजना का लाभ कैसे मिलेगा?

अगर आप योगी सरकार की इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो सबसे पहले इसके लिए आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा। उस पत्र को आप लखनऊ भेजेंगे जिला ग्रामोद्योग अधिकारी के पास।

आवेदन पत्र को- जिला ग्रामोद्योग अधिकारी 8, कैंट रोड, कैसरबाग, लखनऊ के पते पर भेजना होगा।

आवेदन करने वाला इस बात का जरूर ध्यान रखे इस योजना के लिए आप 30 जुलाई 2023 तक ही आवेदन कर सकते हैं।

पत्र को लखनऊ भेजने के दौरान आपको जो कागजात भेजने हैं उसमें शैक्षित योग्यता प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, प्रधान की तरफ से जारी निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाते की फोटो कॉपी, संस्तुति पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, बायोडाटा इसमें शामिल होगा आवेदन करने वाले का नाम, पिता या पति का नाम, पूरा पता और मोबाइल नंबर।

मशीन कैसे करती है काम?

ग्रामीण इलाकों में लोग अभी तक किसी भी प्रयोजन में दोने-पत्तल का इस्तेमाल खाना खाने के लिए करते हैं और ऐसे में सरकार की ये योजना उन कामगारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा जिनका जीवन-यापन दोना-पत्तल बनाने से होता है।

दोना-पत्तल बनाने वाली मशीन काफी छोटी होती है जिसे घर में कहीं भी लगाया जा सकता है और इसे चालने में बिजली का उपयोग भी कम ही होता है।

इस मशीन में दोना-पत्तल बनाने के लिए रॉ-मटेरियल (कच्चे माले) की आवश्यकता होगी जिसे आप बाजार से ले सकते हैं या फिर पेड़ से तोड़ सकते हैं।

दरअसल इस मीशन से बने दोना और पत्तल की कीमत बाजार में अच्छी होती है, इसके अलावा हाथ से जो दोना-पत्तल बनाने में जो समय लगता था उसमें भी काफी बचत होगी।

एक अनुमान के मुताबिक आप शादियों के सीजन में उतना पैसा कमा सकते हैं जितना आप 6 महीने में नहीं कमा पाते, सौ बात की एक बात ये कि मशीन ग्रामीण कामगारों के लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं है और इस मशीन उन्हें काफी फायदा मिलने वाला है।

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