महादेव हम आएंगे और मंदिर वहीं बनाएंगे!

by | 26 Jan 2024, 01:03

अयोध्या में रामलला की स्थापना के बाद अब दुनिया के सामने पाकिस्तान को रोने का एक और कारण भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) ने दिया है। पाकिस्तान के अखबार द डॉन में इसका जिक्र भी किया गया है

दरअसल पाकिस्तान ने UN के अधिकारी मिगेल एंगल मोराटिनोस के नाम एक पत्र लिखा है, ‘भारत के अयोध्या में बाबरी मस्जिद के स्थान पर रामलला की जो प्राण प्रतिष्ठा की गई है वो निंदनीय है’

पत्र में ये भी लिखा गया है कि भारत में मुस्लिमों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के मामले में यूनाइटेड नेशन्स अलांयस ऑफ सिविलाइजेशन्स को इस्लामिक विरासत को बचाने और भारत में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों और सांस्कृति को बचाने के लिए कदम उठाने पड़ेंगे।

खैर भारत के आंतरिक मामले में पाकिस्तान को टांग अड़ाने की आदत शुरू से रही है। पाकिस्तान में इस वक्त लोगों खाने के लिए मारा-मारी कर रहे हैं लेकिन उसे अपने लोगों की चिंता नहीं बल्कि भारत में बढ़ते आर्थिक स्रोत और भाईचारे से ज्यादा ही परेशानी है।

दरअसल वाराणसी की जिला कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद के मालमे में हिन्दू-मुस्लिम दोनों पक्षों को लेकर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) ने अपने सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है।

सर्वे रिपोर्ट के बाद हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बड़ी जानकारी दी है। विष्णु शंकर जैन ने दावा किया है कि, “ASI रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था”

सर्वे में ASI रिपोर्ट के अनुसार इस सर्वे में वास्तुशिल्प अवशेषों, कलाकृतियों शिलालेखों, कला और मूर्तियों का अध्ययन किया गय। इस अध्ययन में साफ है कि  मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक हिंदू मंदिर मौजूद था।

वकील विष्णु जैन ने कहा कि, “ASI की 839 पन्नों वाली सर्वे रिपोर्ट की कॉपी गुरुवार की देर शाम कोर्ट द्वारा संबंधित पक्षों को उपलब्ध करा दी गईं

अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि, “ASI का कहना है कि मस्जिद से पहले यह एक बड़ा हिंदू मंदिर था और मंदिर के अंदर जो कुआं मिला है वो मंदिर की पश्चिमी दीवार का एक हिस्सा है

वकील विष्णु शंकर जैन ने ASI की रिपोर्ट पर और प्रकाश डालते हुए कहा कि,  मस्जिद में जो लंबे खंभे लगे हुए हैं उसे प्लास्टर और पुताई के जरिए छिपाने का प्रयास किए गए हैं दरअसल इन खंभों पर कमल और देवी-देवताओं के चित्र बने हुए हैं। लगभग 32 ऐसे सबूत मिले हैं जो ये साबित करते हैं कि ज्ञानवापी कोई मस्जिद नहीं बल्कि भगवान शिव का मंदिर है

ASI सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार ज्ञानवापी नाम की मस्जिद के अंदर रुद्रा, जनार्दन और उमेश्वर तीन नाम मिले हैं। पहले मंदिर के जो खंभे हैं, उसे तहखाने में इस्तेमाल किया गया है. तहखाने में हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्ति मिली है।

वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, “वजूखाने के ASI सर्वे की हमारी मांग रहेगी और इसे लेकर हम कोर्ट में जाएंगे

फिलहाल ASI की रिपोर्ट को सच मानते हुए भारत सरकार और हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को बनाए रखने के लिए मुस्लिम पक्ष को अपनी जिद छोड़ दिया जाना चाहिए और महादेव के भव्य मंदिर को बनाने में मदद करनी चाहिए।

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *