पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा की गयी निर्माण योजना को योगी सरकार ने बंद करा दिया था जिससे अखिलेश यादव द्वारा बनाए गये ड्रीम प्रोजेक्ट की जमकर धज्जियाँ उड़ी।ड्रीम प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनने वाले वाराणसी शक्तिनगर मार्ग का निर्माण अभी भी अधूरा है जिसको फोरलेन बनाने का कार्य पीपीपी मॉडल यानी पब्लिक प्राइवट पार्ट्नरशिप पर ज़्यादा समय लगाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा किलर रोड की उपाधि से नवाजी गयी वाराणसी शक्तिनगर रोड के नारायणपुर से हाथीनाला तक 117 किलोमीटर की सड़क के फोरलेन निर्माण का टेण्डर एपको चेतक पटेल कंस्ट्रक्शन कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड ने बोली के द्वारा लगभग 1200 करोड़ रुपये में प्राप्त की थी।

पूर्व सीएम ने जब सत्ता में मुख्यमंत्री का पद सम्भाल रखा था तो उन्होंने बहुत से निर्माण कार्य किए उन्होंने यूपी को नयीं ऊँचाइयों पर पहुँचाने का पूरा प्रयास किया। उत्तरप्रदेश में उन्होंने आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे का निर्माण कराया जो विकास की गति को दर्शाता है उन्होंने अपने नेतृत्व में उसका उद्घघाटन किया। 2 साल में बना यह ऐसा एक्सप्रेस वे था जो आगरा- लखनऊ जैसे शहरो के बीच की दूरी को कम किया। उन्होंने और भी बहुत सी सड़कों का निर्माण कराया।

उत्तर प्रदेश राजमार्ग प्राधिकरण की निगरानी में बन रहे वाराणसी शक्तिनगर फोरलेन के निर्माण में शुरू से ही लापरवाही बरती जा रही है और इसको और बेहतर बनाने को लेकर दर्जनों बार चक्काजाम और प्रदर्शन हुए है लेकिन इसमें सचिव सत्ता के रसूखदार आईएएस नवनीत सहगल के होने के  कारण हमेशा इस मामले को हर बार दबा दिया जाता रहा है। लेकिन पिछले छह महीने से बिना निर्माण कार्य पूरा किये इस मार्ग पर टोल टैक्स को वसूलना शुरू कर दिया गया हैं और अभी भी कई स्थानों पर सर्विस लेन , ओवरब्रिज , सामुदायिक सेवाएं, यात्री सुविधाएं , सुरक्षा सुविधाए अभी भी अधूरी हैं ।