नई दिल्ली: भगवान शिव की पूजा-अर्चना को सावन का महीना समर्पित होता है।विशेष रूप से लोग सोमवार के दिन व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं।शिव पूजन के लिए सावन के सोमवार का महत्व और बढ़ जाता हैं।16 अगस्त को इस साल सावन का आखिरी सोमवार पड़ रहा हैं।
मान्यताओं के अनुसार सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से और इस दिन व्रत रखने से भक्तों की सभी कष्ट और दुख दूर होते हैं।आइए आपको बताते हैं सावन के आखिरी सोमवार पर शिवजी की पूजा के मुहूर्त और विधि विधान के बारे में।
पूजा का मुहूर्त
इस साल सावन का महीना पंचांग के अनुसार 22 अगस्त को समाप्त हो रहा हैं। 16 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार हैं । शंकर भगवान सावन के सोमवार व्रत रखने से काफी प्रसन्न होते हैं.
इस दिन सुबह 07 बजकर 29 मिनट से लेकर 09 बजकर 07 मिनट तक राहुकाल रहेगा। इस काल में कोई भी पूजा या शुभ कार्य का करना अच्छा नहीं होता।
शिव पूजन की विधि
प्रातः काल स्नानादि से निर्मित होकर सबसे पहले सावन के सोमवार के दिन शिवलिंग को जल अर्पित करना चाहिए।उसके बाद भोले बाबा को उनके प्रिय पदार्थ बेलपत्र ,भांग, धतूरा, मदार पुष्प चढ़ाना चाहिए। भोले बाबा को सावन के सोमवार के दिन दूध,दही, शहद ,गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए।
विशेष रूप से इस दिन भोले बाबा का रुद्राभिषेक करना फलदाई होता है। इस दिन भगवान भोले बाबा की पूजा कर फलाहार व्रत का संकल्प लेना चाहिए।रात में भगवान शिव की आरती और उनके दिव्य स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए।
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