नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से एक हफ्ते पहले लापता हुई 17 साल की नाबालिग को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने शकरपुरा इलाके में सकुशल तलाश करने का सराहनीय कार्य किया है।
दरअसल, बच्ची डांस सीखने चाहती थी लेकिन उसके माता-पिता इसके लिए तैयार नहीं हो रहे थे, जिसके बाद नाबालिग घर वालों को बिना बताए सिलीगुड़ी से भागकर दिल्ली आ गई थी। यहां वह सोशल मीडिया के जरिए दोस्त बने युवक की मदद से डांस सीखना चाहती थी। DCP क्राइम ब्रांच मोनिका भारद्वाज ने बताया कि नाबालिग को छुड़ाने के लिए शक्तिवाहिनी NGO की तरफ से शिकायत की गई थी। ACP सुरेंद्र कुमार गुलिया और इंस्पेक्टर अमलेश्वर राय की अगुवाई में SI बिरेंद्र सिंह, महिला SI बीना, ASI कुलदीप, ASI दिलबाग सहित अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने बच्ची की तलाश शुरू की।
DCP ने जानकारी देते हुए बताया कि, बच्ची ने जिन फोन नंबरों से अपने माता-पिता से संपर्क किया था उनकी डिटेल ली गई। उनमें से एक फोन नंबर चिनू आलम का था। AHTU के ACP सुरेंद्र गुलिया ने बताया कि चिनू को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, इस दौरान चिनू ने ACP सुरेंद्र गुलिया को बताया कि वह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के सेमदा गांव का रहने वाला उसका दोस्त योगेश के जरिए बच्ची के संपर्क में आया था। दोनों की उससे बातचीत होती रहती थी, बच्ची डांस सीखना चाहती थी जिसके लिए उसके माता-पिता तैयार नहीं थे। चीनू और योगेश को भी डांस का शौक है।
बता दें कि बच्ची 9 जुलाई को ही सिलीगुड़ी से निकलकर योगेश के साथ रहकर डांस सीखने के इरादे से अलीगढ़ आ गई। योगेश पहले उसे अपने पैतृक गांव ले गया और उसके बाद उसे मंदिर वाली गली शकरपुरा दिल्ली ले आया। चीनू ने पुलिस को योगेश का पता दिया जिसके बाद वहां छापा मारकर पुलिस ने बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया। मेडिकल जांच के बाद पुलिस ने बच्ची को बुराड़ी में बाल सुधार गृह में भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने बच्ची के सकुशल बरामद होने की सूचना पश्चिम बंगाल की स्थानीय पुलिस और बच्ची के परिजनों को दी।