नई दिल्लीः भारत में भ्रष्टाचार करना अधिकारियों के दिमाग में कूट-कूट कर भरा है, क्योंकि प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में सामने आए एक मामले ने लोगों को ऐसा कहने पर मजबूर कर दिया है। वैसे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की जब से नींव पड़ी है तब से वहां लगातार घोटाले के मामले सोशल और प्रिन्ट मीडिया में आ रहे हैं।

अयोध्या में एक रेलवे कर्मचारी और उसके बेटे ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 11 करोड़ रुपए की जमीन 200 करोड़ रुपए में बेचने की तैयारी थी। दरअसल 26 साल से अयोध्या मंडल में तैनात महेंद्र नाथ मिश्रा रेलवे की नौकरी करने के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं।

इनके बेटे आलोक रंजन मिश्रा ने 19 अप्रैल 2021 को गाटा संख्या 14 का एक भाग महज 70 लाख रुपए में रविमोहन, सुल्तान अंसारी और अपनी गैंगे के कुछ साथियों के नाम पर खरीदी और उसी दिन मामूली से स्टेशन मास्टर महेंद्र नाथ मिश्रा के बेटे आलोक रंजन ने गाटा संख्या 14 का दूसरा भाग 10 करोड़ 30 लाख रुपए में खरीद लिया। जिसका स्टांप शुल्क 70 लाख रुपए चुकाते हैं।

ये पिता-पुत्र जमीन को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बेचने वाले थे लेकिन तब ट्रस्ट की जमीनों में हो रहे खेल सामने आ गए जिससे मामला अटक गया। वहीं इस खेल मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और उनकी टीम के लोगों का नाम भी सामने आया है।

स्टेशन मास्टर का प्रॉपर्टी में खेल

रेलवे कर्मचारी महेंद्र नाथ मिश्रा के कारनामे इस समय एक-एककर सामने आ रहे हैं। इस स्टेशन मास्टर ने साल 2019 में अपनी पत्नी माधुरी तिवारी के नाम से सदर तहसील में 572 वर्ग मीटर का एक प्लाट 48 लाख में खरीदा और वही प्लाट 20 अप्रैल 2021 को 2 करोड़ रुपए में जनकल्याण न्यास को बेच दिया।

बता दें कि जनकल्याण न्यास RSS की ही एक शाखा और इसके पदाधिकारी नरेंद्र सिंह लखनऊ के फैजुल्लागंज में रहते हैं। इनके नाम पर जमीन का 17 लाख 50 हजार रुपए का स्टांप शुल्क अदा किया गया। जनसेवा में कम और प्रॉपर्टी डीलिंग में ज्यादा दिमाग लागने वाले मेयर साहब ऋषिकेश उपाध्याय और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा इसमें बतौर गवाह अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।

रेलवे कर्मचारी महेंद्र नाथ मिश्रा का एक और कारनामा लोगों के सामने 7 जून 2021 को आया। दरअल गाटा संख्या 293/3 को महेंद्र नाथ मिश्रा, उनकी बेटी और बहन ने मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भांजे दीपनारायण को 1 करोड़ 90 लाख रुपए में बेच दिया।

यहां गौर करने वाली बात ये है कि इस जमीन को लेकर दिनांक 18/9/2020 को रामजन्भूमि थाने में धोखधड़ी की FIR दर्ज हो चुकी थी। आपको बता दें कि इस मामले की FIR संख्या 0116 है। इस मामले में 7 अभियुक्तों के नाम दर्ज किए गए हैं जिसमें स्टेशन मास्टर, उनकी बेटी और बहन का नाम शामलि है। हैरानी वाली बात ये है कि यहां भी मेयर के रिश्तेदार जमीन बिकवाने में शामिल थे।

कंपनी बनाकर लोगों से ठगी

स्टेशन मास्टर महेंद्र नाथ मिश्रा पर कंपनी बनाकर लोगों से ठगी करने का आरोप है। सूत्रों का कहना है कि महेंद्र नाथ मिश्रा ने अपनी पत्नी के नाम से ओम साईं कंस्ट्रक्शन नाम की एक कंपनी भी बना रखी है और इस कंपनी को रेलवे के करोड़ों रुपए के ठेके दिए गए हैं।

सिर को घुमा देने वाली बता ये है कि इतने सालों से स्टेशन मास्टर जमीनों का करपोड़ों में कारोबार करता रहा यहां तक कि स्टेशन मास्टर पर FIR भी हो रखी है लेकिन न तो लखनऊ के किसी भी अधिकारी और न की दिल्ली में रेल भवन के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के आरोपी स्टेशन मास्टर पर कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी।

पीएम मोदी और सीएम योगी ट्रस्ट के जरिए जमीन खरीद में घोटाले का अंबार लगाने वाले और सरकार का नाम खराब करने वाले सभी आरोपियों पर क्या करते हैं ये देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा। प्रभु श्रीराम के नाम पर लूट करने वालों पर कार्रवाई को लेकर अयोध्या की जनता भी पीएम मोदी और सीएम योगी से मांग कर रही है।