दिल्लीः मोदी सरकार की तरफ से भारत की तीनों सेनाओं में साढ़े 17 साल से 23 साल तक के युवाओं की भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना का विरोध इस समय देश के 7 राज्यों में पहुँच चुका है। इस योजना को सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को देखते हुए लिया है। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को एक नया रूप दिया जा सके।
सरकार की इस योजना को लेकर युवाओं में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। युवाओं का मानना है कि केंद्र सरकार की इस योजना से उनका भविष्य अधर में लटक जाएगा और ये प्राइवेट पार्टी के लिए सेना तैयार किया जा रहा है। विरोध के उठते सुर को देखते हुए भारतीय थल सेनाध्यक्ष ने 2 दिन के अंदर भर्ती की सूचना जारी करने के निर्देश दिए वहीं वायु सेना ने 24 जून से अग्निवीरों की भर्ती के निर्देश दिए हैं।
सरकार इस योजना का विरोध कर रहे युवाओं को विपक्षी पार्टियों ने फायदा उठाना शुरू कर दिया है। विपक्ष ने इस योजना को युवाओं के साथ खिलवाड़ करने की योजना करार दिया है। वहीं कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे उद्योगपतियों के लिए सेना तैयार करने का नाम दिया है।
योजना के विरोध में प्रदर्शन में कर रहे छात्रों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार में भय का माहौल बनाने के लिए सार्वजनिक संपत्ति को जमकर नुकसान पहुंचाया और लूट-पाट भी की। पलवल और सिकंदराबाद में युवाओं ने आत्मदाह कर इस योजना का विरोध जताया।
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