पृथ्वी पर सबसे प्राचीन धर्म सनातन, पृथ्वी पर सबको ज्ञानबोध करने वाला देश भारत और पृथ्वी पर सोने की चिड़िया कहा जाने वाला देश भारत – जिसे कभी मुगलों, डचों, पुर्तगालियों और अंग्रेजों द्वारा लूटा, निचोटा और जलाया गया है. कभी अफगानिस्तान के कंधार (एक समय में गंधार) से लेकर अंकरोवाट तक फैला भारत आज सिमट कर कहां तक रह गया है ये किसी से छिपा नहीं है.
साल 1947 में भारत आजाद हुआ लेकिन, हमारे इतिहास में हमें केवल अंग्रेजों और मुगलों की ही माहनता पढ़ाई जाती रही. साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये कहा कि भारत आज 1200 सालों की गुलामी से आजाद हुआ है तो मानों भारत में पल रही लिबरल गैंग, कांग्रेस नेता, मुस्लिमों के नेताओं सहित कुछ अन्य लोगों के ऊपर बम फट गया हो.
साल 2023 से भारत में एक बार फिर विदेशी ताकतों ने अपनी केचुली छोड़ने का काम किया है. चीन और अमेरिका जो इस वक्त खुद को पृथ्वी की महाशक्ति बताती हैं वो आज भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ बन चुके गौतम अडानी के बहाने भारत में “डीप स्टेट” की साजिश रच रहे हैं.
ये विदेशी ताकतें भारत की संसद में बैठे अपने एजेंट के जरिए कभी अर्थव्यवस्था, कभी मेडिकल सिस्टम, कभी सामाज में भेदभाव, कभी आंदोलन, कभी धर्म, कभी CAA और कभी NRC को मोहरा बनाकर भारत की एकता को खंडित कराने का काम कर रहे हैं.
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में जिस तरह से चीन और अमेरिकी उद्योगपतियों के फंड के जरिए भारतीयों पर आक्रमण किया जा रह है वो कहीं न कहीं “डीप स्टेट” के प्रयास में तेजी लाने की आशंका को बढ़ाता है.
विदेशी ताकतें जो चक्रव्यूह भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत होने से रोकना चाहती हैं उसके बारे में थोड़ा हमें ठंडे दिमाग से सोचने की जरूरत है. इन ताकतों ने मोहरा बनाया भारत के उद्योगपति गौतम अडानी को इसके लिए इन्होंने फंड किया भारत की संसद में बैठे अपने एजेंट को, जब इन उद्योगपतियों को अपने एजेंट पर भरोसा नहीं हुआ तो इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडन बर्ग से रिपोर्ट पब्लिश कराई.
गौतम अडानी के परिवार पर कराया हमला:
अपनी तुच्छ मानसिकता को साबित करते हुए अमेरिकी उद्योगपति ने अमेरिका की न्यायालय से भी गौतम अडानी और उनके परिवार पर हमला कराया. इसके अगले दिन अडानी परिवार के खिलाफ कोई मामला नहीं होने की बात करना ये इशारा करता है कि इन उद्योगपतियों की जेब दुनिया की सभी ताकते हैं.
अडानी के ऊपर आरोप लगने से अडानी ग्रुप के कई शेयरों में गिरावट तेजी से हुई, जो ये तो साबित करता है कि ये तुच्छ मानसिकता वाले उद्योगपतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को गिराने की साजिश रची थी. विदेश में छपी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए संसद में बैठे एजेंट ने संसद से लेकर सड़क तक हंगामा किया. दरअसल ये हंगामा केवल गौतम अडानी और पीएम मोदी को लेकर नहीं था. ये सिर्फ और सिर्फ अपने आका को बचाने के लिए किया जा रहा एक प्रयास मात्र है जिससे उनकी छवि दुनिया में खराब न हो.
क्या विपक्ष भारत को डीप स्टेट बानने वालों के साथ है या फिर उनके जाल में फंस चुका है, लगातार हो रही घटनाएं भी सवाल पैदा कर रही हैं, चलिए आपको बताते हैं कि इस मुद्दे पर विशेषज्ञ क्या बोलते हैं लेकिन उससे पहले समझिए कि डीप स्टेट क्या है?
डीप स्टेट क्या है?
इस बारे में विशेषज्ञों ने विस्तृत जानकारी देत हुए बताया कि, कई विदेशी ताकतें दूसरे देश में अपना प्रभुत्व बनाने की कोशिश करती हैं जिसे हम “डीप स्टेट” कहते हैं. ये ताकतें “डीप स्टेट” बनाने के लिए देश के अंदर ऐसा नटवर्क खड़ा करती हैं जो उस देश की सरकार के खिलाफ काम करती है और विदेशी एजेंडे पर काम करती है.
इसे अगर साफ शब्दों में कहें तो ये नेटवर्क देश की सरकार, धर्म और समाज में कटुता फैलाने के लिए काम करता है.
अडानी को मोहरा बनाकर देश पर हमला:
भारत तो “डीप स्टेट” बनाने की कोशिश इन ताकतों ने बहुत पहले ही शुरू कर दी थी, लेकिन साल 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फंडिंग पर रोक लगाई तो बिल में घुसे चूहे की तरह ये एजेंट भारतीयों के सामने दिखने लगे.
इस बीच में मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के नवाचार ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. इस नवाचार से देश में कई यूनीकॉर्न बने जो शायद इन विदेशी अरबपतियों को अच्छा नहीं लगा और भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को पचा नहीं पाए को जहर की उल्टी संसद में बैठे अपने एजेंट्स के जरिए करने लगे.
इन विदेशी ताकतों को ये अच्छे से मालूम है कि गौतम अडानी केवल एक भारतीय उद्योगपति नहीं है बल्कि भारत की मजूबत होती अर्थव्यवस्था में एक मजबूत कड़ी हैं. इसलिए इन तुच्छ मानसिकता वाले उद्योगपतियों ने गौतम अडानी को अपने निशाने पर लिया.
भारत की संसद में बैठे इनके एजेंट्स भी अडानी के मामले को लेकर देश की संसद को नहीं चलने जो इन उद्योगपतियों की एक सोची समझी साजिश लग रही है.
संसद नहीं चलेगी तो जनकल्याण के मुद्दों और आर्थिक प्रगति के कार्यों पर चर्चा नहीं हो पाएगी और भारतीय अर्थव्यवस्था ठप्प हो जाएगी. फिलहाल तो संसद नहीं चलने देने से भारत के ही करोड़ों रुपए में आग लग रही है और जिस तरह से विपक्ष इस वक्त केवल अडानी-अडानी के नाम का जाप कर रहा है ऐसा लगता है कि ये जाप 1 फरवरी 2025 तक चलने वाला है.
क्या बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में भी होगी?
हम पिछले कुछ महीनों से देख रहे हैं कि बांग्लादेश “डीप स्टेट” के जाल में बंधा हुआ है. वहां पर विपक्षी पार्टियों को मजबूत करके पूर्व पीएम शेख हसीना को हटाया गया है, और अब भारत में भी पश्चिम बंगाल, यूपी के संभल में, राजस्थान के जोधपुर में, दिल्ली के शाहीन बाग, बिहार में अग्निवीर योजना में विरोध प्रदर्शन के दौरान दंगे करना ये सब इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि भारत में वो वही करना चाहते हैं जो बांग्लादेश में किया गया है.
लेकिन, ये उद्योगपति ये भूल की भारत ने जब 0 दिया तो इनको ज्ञान हुआ है, नहीं तो ये गिनती भी पूरी नहीं कर पाते. इनको ये पता कि ऐसे देश की जनता कितनी होशियार है वो इनके बहकावे में तो नहीं आने वाली है और न ही संसद में बैठे इनके एजेंट्स के बहकावे में आएगी.
ये विदेशी ताकतें अपना पूरा दम केवल और केवल भारत में सामाजिक वैमनस्य फैलाने में लगी हैं. इसीलिए कभी भारतीय सेना, कभी हमारे आयुर्वेद, कभी बाबा रामदेव और कभी गौतम अडानी को निशाना बनाने की कोशिश कर रही हैं.
ये भारत के वैज्ञानिकों को निशाना बनाते हैं, तो कभी भारत में बनने वाली वैक्शीन पर निशाना साधते हैं, तो कभी हमारे धर्माचार्यों पर पाखंडी बताते हैं बस ये सफल इसलिए नहीं होते क्योंकि इन उद्योगपतियों को ये नहीं पता भारत की जनता में एकता कभी खत्म नहीं होती.
हंटर को माफी और अडानी पर चुप्पी ने बढ़ाई आशंका:
अमेरिका में कुछ दिन पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने बेटे हंटर बाइडेन को गंभीर अपराधों के मामले में क्षमादान दिया था. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उस अमेरिकी न्यायालय की रिपोर्ट को गलत करार दिया और राजनीति की साजिश से जुड़ी रिपोर्ट बताकर हुए खारिज कर दिया. और इसी न्यायालय ने भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ गौतम अडानी पर आरोप लगाए थे, जिसे लेकर विपक्ष इस वक्त संसद से लेकर सड़क तक नाटक मचा रहा है.
इससे तो ये साबित हो गया है कि अमेरिका के जिस न्यायालय को वहां का राष्ट्रपति झूठा बता रहा है उस न्यायालय की रिपोर्ट के आधार पर भारत में विपक्ष इतना हंगामा क्यों मचा रहा है.
वहीं अमेरिकी न्यायालय ने भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ गौतम अडानी पर लगाए आरोपों पर पलटी मार ली उसके बाद विपक्ष को देश में भेदभाव फैलाने से फुर्सत नहीं मिल रही है.
Jaberdast
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