हमारे जीवन में बहुत सी चीजें ऐसी होती है, जिनकी हमारे व्यक्तित्व पर या ये कहना सही होगा कि हमारे जीवन पर सीधे तौर पर बहुत असर पड़ता है. वास्तु शास्त्र में हाथ मिलाने से जुड़ी और भी कुछ बातें मानी जाती हैं, जो हमारे संबंधों और मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं इन सब पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, हाथ मिलाना न केवल एक शिष्टाचार है, बल्कि यह हमारी मानसिक स्थिति, ऊर्जा और रिश्तों को भी प्रभावित करता है.
अगर हम अपने जीवन में असफल है, या ये देखते है कि हमारे जीवन में कई काम बनते-बनते रूक जाते है, या किसी कारण की वजह से घर- ऑफिस में चारों तरफ नेगेटिवी फैल जाती है. आज करेंगे कि क्या सच किसी के साथ हाथ मिलाने से हमारी पॉजिटिव एनर्जी उस व्यक्ति में चली जाती है, या उसी नेगेटिव एनर्जी हमारी ओर खींच जाती है.
सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का आदान-प्रदान
वास्तु शास्त्र के अनुसार जब दो लोग हाथ मिलाते हैं, तो वे अपनी-अपनी ऊर्जा का आदान-प्रदान करते हैं.यदि दोनों व्यक्ति सकारात्मक मानसिकता में होते हैं, तो यह हाथ मिलाना शुभ होता है और ऊर्जा का संतुलन बनता है. वहीं,अगर किसी एक व्यक्ति की मानसिक स्थिति नकारात्मक होती है, तो हाथ मिलाने से नकारात्मक ऊर्जा का आदान-प्रदान कर सकता है, जिससे रिश्तों में तनाव उत्पन्न हो सकता है.

आत्मविश्वास और शांति का होता है अनुभव
शास्त्र के अनुसार हाथ मिलाते समय आत्मविश्वास और शांति का होना बहुत जरूरी है. ज्यादा घबराहट या उथल-पुथल से हाथ मिलाना नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. अगर आपका हाथ ढीला और कमजोर है, तो यह आपके आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है, और अगर ज्यादा दबाव डालते हैं, तो यह आक्रामकता को दिखा सकता है, जो रिश्तों में नेगेटिविटी ला सकता है.
हाथ मिलाने समय सही तरीके का रखें ध्यान
हाथ मिलाते समय उंगलियाँ पूरी तरह से एक-दूसरे से मिलनी चाहिए. इससे सकारात्मक ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है. यदि हाथ मिलाने में एक व्यक्ति का हाथ बहुत ज्यादा दबाने या ढीला होने लगे, तो यह संकेत हो सकता है कि उस व्यक्ति की ऊर्जा असंतुलित हो सकती है.
दाहिने हाथ से हाथ मिलाना माना जाता है शुभ
वास्तु के अनुसार दाहिने (सीधे) हाथ से हाथ मिलाना शुभ माना जाता है, क्योंकि दाहिना हाथ सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करता है और यह आत्मविश्वास, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है।
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