हिन्दू त्योहार हिन्दू धर्म में न केवल धार्मिक महत्व रखते है, बल्कि ये हिन्दू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों में भी प्रेम, भाईचारे और एकता की भावना को भी बढ़ावा देते है. हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने में कोई न कोई प्रमुख त्योहार मनाया जाता है, जो विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा होता है. ऐसा ही एक त्योहार है, विवाह पंचमी.
तो चलिए जानते है, क्या है विवाह पंचमी? और हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का क्या महत्व है?
हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार विवाह पंचमी
विवाह पंचमी हिन्दू त्योहार में एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, जो भगवान राम और देवी सीता के विवाह की खुशी में मनाया जाता है, जो पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेतायुग में हुआ था. विवाह पंचमी विशेष रूप से उत्तर भारत, नेपाल और अन्य हिन्दू समुदायों में धूमधाम से मनाया जाता है. विवाह पंचमी हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल मार्गशीष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल विवाह पंचमी 6 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजे 49 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानि 6 दिसंबर दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी.
हिन्दू धर्म में विवाह पंचमी का महत्व
विवाहित जीवन की सफलता और सुख-शांति के प्रतीक के रूप में भगवान राम और देवी सीता का विवाह माना जाता है. यह पर्व उन सभी विवाहित जोड़ों के लिए विशेष रूप से महत्व रखता है, जो अपने विवाह जीवन में खुशहाल और सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने की कामना रखते हैं. विवाह पंचमी विशेष रूप से युवाओं के लिए है, जिनका विवाह होने वाला है या जिनका विवाह जीवन में एक नया मोड़ लेने वाला है.
कैसे करें विवाह पंचमी की पूजा
शास्त्रों के अनुसार विवाह पंचमी के दिन आपकी सच्चे मन से भगवान राम और माता सीता की अराधना करनी होगी. प्रात:काल स्नान आदि करके घर के मंदिर या राम-सीता के मंदिर जाकर श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ कर सबसे फलदायी माना जाता है. एक बात का विशेष ध्यान रखें विवाहित जोड़े विवाह पंचमी की पूजा जोड़े में ही करें क्योंकि विवाहित जोड़ों के द्वारा की गई पूजा जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करती है.
Good informatio
Good information