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UP पुलिस में ‘वर्दी वाले गुरुजी’ की कहानी, नहीं देख पाते बच्चों के हाथ में कटोरा

माना जाता है कि पुलिस वालों की ट्यूटी 24 घंटे की होती है और ये अपने निजी जीवन के लिए भी वक्त नहीं निकाल पाते। 

आज UNN Live आपको अयोध्या में तैनात एक ऐसे सब इंस्पेक्टर से मिलाने जा रहा है जो अपनी ड्यूटी के साथ इंसानियत की भी मिशाल पेश कर रहे हैं। 

हम बात कर रहे हैं कटोरा लेकर भीख मांगने वाले हाथों में कलम पकड़ाने वाले सब इंस्पेक्टर रणजीत यादव की।

विद्या दान का सबसे उदाहरण

सब इंस्पेक्टर रंजीत यादव अयोध्या में तैनात हैं और इन्होंने अपना एक छोटा से स्कूल खोल दिया है जहां वो मौका मिलने पर बच्चों को पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि आज वे जिन बच्चों पढ़ाते हैं उनके माता-पिता अक्सर उन्हें भीख मांगते हुए मिल जाते थे जिसके बाद उनसे बात कर इन बच्चों को शिक्षा देने का काम शुरू किया। 

रंजीत यादव के बारे में जानिए

सब इंस्पेक्टर रंजीत यादव आजमगढ़ के रहने वाले हैं और पिछले 10 सालों से ये मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की नगरी में मर्यादा के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

इनके 5 भाई थे और गरीबी में इन्होंने अपनी पढ़ाई को पूरा किया। कठिन समय में अपने मर्यादित आचरण में रहते हुए और दूसरे से किताब मांग कर पढ़ाई करने वाले रंजीत यादव 2011 में कांस्टेबल, और 2015 में सब इंस्पेक्टर बने।

इस वक्त इनकी तैनाती अयोध्या में DIG कार्यालय में की गई है। 

इंसानियत और ड्यूटी को बराबर फर्ज निभाते

सब इंस्पेक्टर रंजीत यादव अपनी ड्यूटी और इंसानियत का फर्ज बखूबी निभाते हैं। उनका मानना है कि अच्छी सोच और समय के साथ सबकुछ मैनेज किया जा सकता है। 

ड्यूटी के बाद जो समय मिलता है सब इंस्पेक्टर रंजीत यादव भीख  मांगने वाले बच्चों को पढ़ाने जाते हैं और उसके बाद सुबह 7 बजे से 10 बजे तक अपने स्कूल में बच्चों को पढ़ाने जाते हैं।

आपको बता दें कि सब इंस्पेक्टर रंजीत यादव बच्चों को रबर, पेंसिल, कटर और कॉपी के खर्च को खुद उठाते हैं। 

50 से ज्यादा बच्चों को पढ़ाते हैं रंजीत यादव

सब इंस्पेक्टर रंजीत यादव अभी 50 से ज्यादा बच्चों को पढ़ाते हैं और इनका पढ़ाने का अंदाज भी कुछ ऐसा कि बच्चे खुद ही इनके पास पढ़ने के लिए दौड़े चले आते हैं। खुले मैदान या पेड़ के नीचे मन लगाकर बच्चे पढ़ाई करते हैं।

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