गर्दिश में गौतम अडानी के सितारे, क्या होगा उद्योगपति का?

by | 27 Nov 2024, 2:24:pm

‘ब्लूमबर्ग’ में डेविड वोरेकोस ने अडानी रिश्वत मामले की गहराई से पड़ताल की है और ये बताया है कि आगे इस मामले में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के साथ आखिर क्या-क्या हो सकता है.

वोरेकोस लिखते हैं कि भारत में अधिकारियों को करीब 2200 करोड़ की रिश्वत की साजिश रचने और अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने में मदद करने के आरोप में अरबपति गौतम अडानी को जेल में डालने के अपने प्रयास में अमेरिकी अभियोजकों को कड़ी कानूनी और कूटनीतिक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी समझे जाने वाले अडानी को ब्रुकलिन अदालत में पेश करने के लिए, अमेरिका को प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा. इसमें वर्षों नहीं तो महीनों का समय लग सकता है, और इसका परिणाम किसी भी तरह से निश्चित नहीं है.

वोरेकोस ने लिखा कि अडानी को अपने खिलाफ 3 मामलों में से प्रत्येक में 20 साल तक की जेल का सामना करना पड़ सकता है. 5 अन्य आरोपियों पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम का उल्लंघन करने की साजिश रचने का आरोप है, लेकिन अडानी पर कम से कम ये आरोप नहीं है.

अडानी और दो अन्य लोगों पर अमेरिकी कानून फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) के तहत धोखाधड़ी और षड्यंत्र के आरोप हैं.

क्या अडानी जाएंगे जेल?

अमेरिकी विदेश विभाग अभियोग और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज भारतीय विदेश मंत्रालय को सौंपेगा. इसके बाद भारत सरकार तय करेगी कि मजिस्ट्रेट को जांच शुरू करने का आदेश दिया जाए या नहीं. भारतीय मजिस्ट्रेट तय करेंगे कि आरोप भारतीय कानूनों के तहत भी लागू होते हैं या नहीं. मजिस्ट्रेट यह नहीं तय करेंगे कि अडानी दोषी हैं या नहीं, केवल यह देखेंगे कि मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं या नहीं. अगर अडानी भारत छोड़कर किसी अन्य देश जाते हैं, तो उनके खिलाफ इंटरपोल का रेड नोटिस जारी हो सकता है.

प्रत्यर्पण का होगा विरोध

अडानी और अन्य के वकील यह तर्क दे सकते हैं कि अभियोग ‘राजनीति’ से प्रेरित है और इसलिए यह प्रत्यर्पण अधिनियम के अधीन नहीं है. वे यह भी तर्क दे सकते हैं कि कथित अपराध भारतीय कानून के अंतर्गत नहीं आते हैं.

क्या फैसले में राजनीति की भूमिका होगी?

अंतिम निर्णय भारत सरकार पर निर्भर करता है. यह अमेरिका और भारत के बीच राजनयिक संबंधों पर निर्भर हो सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम भारत और अडानी समूह को चीन के प्रभाव को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार मानते हैं, यह भी इस जांच का एक पेंच बन सकता है.

अडानी की चिंता कि क्या विदेशी बैंक अब लोन देंगे !

‘द टेलीग्राफ’ के लिए अपने एक लेख में प्राण बालकृष्णन ने लिखा कि अडानी ग्रुप की अब यह बड़ी चिंता है कि क्या विदेशी बैंक, संस्थाएं उसका समर्थन जारी रखेंगी?

भ्रष्टाचार के आरोपों ने अडानी के बुनियादी ढांचे के साम्राज्य को हिलाकर रख दिया और शेयरों में गिरावट आई, भारत और दुनिया भर में बड़े पैमाने पर परियोजनाओं के बारे में सवाल उठने लगे हैं. फ्रांसीसी कंपनी टोटलएनर्जीज ने घोषणा की है कि वह अडानी समूह में नए निवेश और भुगतान पर तब तक रोक लगा रही है, जब तक कि इसके संस्थापक गौतम अडानी के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों के परिणाम सामने नहीं आ जाते.

अडानी टोटल गैस लिमिटेड में टोटल की भी 37.4% हिस्सेदारी है. यह एक संयुक्त उद्यम है जो पूरे भारत में अपने गैस वितरण नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रहा है.

क्या अडानी ने भारत का सोलर सेक्टर संकट में डाला ?

अमेरिका में अडानी ग्रुप और एज्योर पावर पर लगे आरोपों के बाद भारतीय सोलर सेक्टर पर संकट के बादल छा गए हैं. इस मामले का केंद्र 12 GW का सोलर प्रोजेक्ट है, जिसे सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने नीलाम किया था.

अडानी के शेयरों में बंपर गिरावट

अडानी समूह के शेयरों में गिरावट जारी है. मंगलवार को भी अडानी समूह की सभी कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए. BSE पर अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) का शेयर 7.05% गिरकर ₹899.40 पर आ गया. अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 4.78% गिरकर ₹2,149.80 पर और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस 3.79% गिरकर ₹601.15 पर आ गए.

अडानी टोटल गैस लिमिटेड का स्टॉक 3.50%, अडानी पोर्ट्स 3.23%, अडानी विल्मर 2.44%, अंबुजा सीमेंट्स 2.30%, अडानी पावर 2.04 प्रतिशत%, सांघी इंडस्ट्रीज 1.91%, एसीसी 1.37% और NDTV 0.09% की गिरावट के साथ बंद हुआ. बाजार में अडानी के शेयर संभलते नहीं संभल रहे हैं.

अडानी की जांच के लिए कोर्ट में याचिका

रिश्वत के आरोप में अमेरिका में गौतम अडानी के खिलाफ अभियोग की SIT/ED/CBI जांच की मांग को लेकर मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में गृह मंत्रालय से एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने या प्रवर्तन निदेशालय (ED) या केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) या किसी अन्य उपयुक्त जांच एजेंसी को अडानी प्रकरण की जांच के निर्देश देने की मांग की गई है.

मूडीज ने रेटिंग डाउन की

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को अडानी की 7 कंपनियों की रेटिंग पर आउटलुक को ‘स्थिर’ से घटाकर ‘नकारात्मक’ कर दिया है, जबकि फिच रेटिंग्स ने कुछ बांड जारी किए हैं.

मूडीज ने सभी 7 कंपनियों जिनमें अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के दो सीमित प्रतिबंधित समूह, अडानी ट्रांसमिशन स्टेप-वन लिमिटेड, अडानी ट्रांसपोर्टेशन लिमिटेड ग्रुप 1 (एईएसएल आरजी1), अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड और अडानी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड की रेटिंग नेगेटिव कर दी है.

मुजफ्फरनगर में किसानों ने किया प्रदर्शन

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली, बडौत और बागपत में प्रदर्शन के बाद मंगलवार को सैकडों किसानों ने किसान एकता केंद्र के बैनर तले मुजफ्फरनगर में स्मार्ट बिजली मीटर बिलों के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान राहगीरों को हजारों पर्चे भी बांटे, जिनमें स्मार्ट बिजली मीटर के बारे में अपनी आशंकाओं का जिक्र किया गया था. प्रदर्शनकारियों में किसान, छोटे दुकानदारों समेत बड़े पैमाने पर मजदूर भी शामिल हुए.

किसानों ने इस दौरान फिर दोहराया है कि वो किसी भी सूरत में इस योजना को पूरा नहीं होने देंगे और इसके खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे.

बता दें कि यूपी में स्मार्ट बिजली मीटर का ठेका अडानी को ही मिला हुआ है. स्मार्ट बिजली मीटर के विरोध में किसान एकता केन्द्र और मजदूर सहायता समिति ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मुजफ्फरनगर के DM को 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर अपना विरोध जताया है.

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