AAP की दिल्ली में सांस लेना मुश्किल, लंदन से तुलना कैसे?

by | 22 Nov 2024, 9:31:pm

AAP की दिल्ली में इस वक्त सांस लेना मतलब बिना बुलाए मौत को दावत देना है, ऐसा कहा जा सकता है. दिल्ली-NCR में प्रदूषण को लेकर आज SC में सुनवाई हुई.

SC ने AAP की सरकार के हलफनामे को देखने के बाद उस पर नाराजगी जताई. SC ने शुक्रवार को कहा कि वह AAP की सरकार के हलफनामे से संतुष्ट नहीं है. SC ने दिल्ली में ट्रकों के एंट्री प्वाइंट पर हो रही लापरवाही को लेकर भी नाराजगी जताई.

SC ने AAP की सरकार से पूछा कि, बताएं ट्रकों और मालवाहक वाहनों के प्रवेश को आप कैसे रोक रहे हैं. SC ने साफ कहा कि वो AAP की सरकार के हलफनामे बिलकुल संतुष्ट नहीं है.

आपको बता दें कि, SC ने इस मामले में पहले की गई सुनवाई में दिल्ली-NCR के दूसरे राज्यों से 3 दिनों के अंदर हलफनामा दाखिल कर प्रूदषण को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम के बारे में जानकारी देने को कहा था. SC ने दिल्ली-NCR के सभी राज्यों के 12वीं तक की कक्षाओं को ऑनलाइन चलाने का आदेश दिया था. साथ में SC ने केंद्र और राज्य सरकारों ये भी निर्देश दिया था कि 50% कर्मचारियों को घर से काम कराने पर विचार करें.

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण मामले पर सुनवाई के दौरान ए. जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि हमारे लिए यह मान लेना बहुत मुश्किल है कि दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर बैन कर दिया है. SC की पीठ ने आदेश दिया है कि दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार 113 स्थानों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती करे.

AAP की सरकार की ओर से पेश सीनियर वकील ने SC की पीठ को बताया कि दिल्ली में कुल 113 प्रवेश बिंदु हैं जिनमें से 13 ट्रकों के लिए हैं. दिल्ली-NCR क्षेत्र में वायु प्रदूषण रोकने से संबंधित कदम उठाए जाने पर SC में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्यों को ग्रैप-4 के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए और त्वरित रूप से टीम गठित करने का निर्देश 18 नवंबर को दिया गया था और अगले आदेश तक ये प्रतिबंध लागू रखने के लिए कहा गया था.

SC ने कहा कि हम AAP की सरकार के हलफनामे से बिलकुल भी संतुष्ट नहीं हैं. दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण मामले पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए SC ने एक महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किया.

इसके मुताबिक, दिल्ली के सभी एंट्री पॉइंट्स की मॉनिटरिंग हो. साथ ही ट्रकों की एंट्री रुकी या नहीं और इस मामले की मॉनिटरिंग के लिए युवा वकीलों की टीम बने. इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओका ने AAP की सरकार के तरफ से पेश वकील से पूछा कि ट्रकों और सामान लेकर जा रहे वाहनों की एंट्री कैसे बंद की है? जवाब में वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायणन ने कहा कि हमने कुछ रिपोर्ट और स्टडी सबमिट की है, जिनमें जिक्र है कि किस तरह ये ट्रक घूस देकर शहर में घुसने का रास्ता निकाल रहे हैं.

SC ने AAP की सरकार से पूछा कि क्या कोई CCTV फुटेज है, जो यह सब कवर कर रहा है? हमें फुटेज कौन उपलब्ध कराएगा? इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि MCD उपलब्ध कराएगी.

SC ने सीनियर वकील मेनेका गुरुस्वामी से कहा कि आप MCD के लिए उपस्थित होंगी? इस पर वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि मैं पेश होती हूं लेकिन अभी मैं स्कूली बच्चों की अर्जी के संबंध में माता-पिता के लिए उपस्थित हो रही हूं, जिसका हमने आज सुबह उल्लेख किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सोमवार को याचिका पर सुनवाई करेगा. कोर्ट ने CCTV फुटेज उपलब्ध कराने को कहा है.

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