मोदी को हटाने के लिए विदेशी ताकतों की गोद में कांग्रेस !

by | 8 Dec 2024, 9:30:pm

मौत का सौदागर, चौकीदार चोर है, नीच आदमी, अस्वस्थ मानसिकता वाला आदमी जैसे कई नाम कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर उनके समर्थकों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बरारे में कहीं है. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सब नारों की वजह से और ज्यादा मजबूत बनते चले गए. इतने मजबूत बन गए कि विकसित देश के राष्ट्रपति भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुणगान करते नहीं थक रहे हैं.

12 दिसंबर को BJP ने कश्मीर मुद्दे पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और अमेरिका के एक कुख्यात अरबपति उद्योगपति को घेरा है. BJP ने कहा कि, “कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ऐसे संगठन से जुड़ी हैं, जो इस वक्त दुनिया में संदेश दे रहा है कि कश्मीर को भारत से अलग कर देना चाहिए”.

BJP ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर संगठन के बारे में लिखा कि, “कश्मीर को भारत से अलग करने का राग अलापने वाले संगठन को कुख्यात अमेरिकी अरब पति जॉर्ज सोरोस की तरफ से फंडिंग की जा रही है. संगठन को दुनिया में फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पेसिफिक (FDL-AP) के नाम से जाना जाता है. सोनिया इसकी सह-अध्यक्ष (CO) हैं”.

BJP का कांग्रेस पर 2 गंभीर आरोप

BJP का कांग्रेस पर पहला आरोप: कुख्यात अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस से कांग्रेस की राजीव गांधी फाउंडेशन फंड लेती है. जिसका इस्तेमाल भारत को बदनाम करने और देश को दो टुकड़ों में बांटने के लिए कांग्रेस कर रही है.

BJP का कांग्रेस पर दूसरा आरोप: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को केंद्र सरकार पर हमला करने के लिए जो फेक डाटा दिया जाता है, वो ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) के द्वारा दिया जाता है.

आपको बता दें कि OCCRP को कुख्यात अमेरिकी अरबपति उद्योगपति जॉर्ज सोरोस फंडिंग करता है, संठन और कांग्रेस दोनों मिलकर भारत की अर्थव्यवस्था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमजोर करने काम कर रहे हैं ऐसा BJP का कहना है.

पूरा मामला विस्तार से समझते हैं:

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने OCCRP रिपोर्ट्स का जिक्र करते हुए BJP सरकार को कई बार घेरा है. कांग्रेस नेता का कहना है कि OCCRP इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट का एक समूह है. बता दें कि OCCRP ने साल 2023 पर भारत के उद्योगपति गौतम अदानी पर स्टॉक को मेन्युप्लेट करने के आरोप लगाए थे. OCCRP ने पेगासस मुद्दे पर भी रिपोर्ट पब्लिश की थ, जिसको आधार बनाते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी.

5 दिसंबर को BJP नेता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने दावा किया कि, “OCCRP और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, फ्रांसीसी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि OCCRP को अमेरिका की सरकार फंडिंग करती है, और कुख्यात अमेरिकी अरबपति उद्योगपति जॉर्ज सोरोस केवल इसलिए पैसा देते हैं कि दुनिया और भारत के अंदर उसके पाले हुए लोग भारत विरोधी अभियान चलाएं”.

BJP नेता ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रें में साफ कहा कि, “भारत और भारतीय उद्योगपतियों का दुनिया में बढ़ता कद अमेरिका के कई कुख्यात उद्योगपतियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है, जिससे वो भारत के उद्योगपतियो कें खिलाफ रिपोर्ट को लाते रहते हैं, भारत की संसद को ठप्प करना अमेरिका के कुख्यात अरबपतियों की चाल है क्योंकि भारतीय संसद में उनके गुलाम मौजूद हैं”.

BJP नेता संबित पात्रा का गांधी परिवार पर हमला:

“अपनी कुर्सी के लिए गांधी परिवार देश को बेचने से पीछे नहीं हटेगा. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी देशद्रोही हो चुके हैं, मैं ऐसा कहने में कोई संकोच नहीं कर रहा हूं”.

BJP के आरोपों पर अमेरिका ने दिया जवाब:

अमेरिका ने BJP की तरफ से लगाए गए आरोपों का खंडन किया है. भारत में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बयान दिया कि, “संयुक्त राज्य अमेरिका मीडिया की स्वतंत्रता को समर्थन करता है, OCCRP को अमेरिका की सरकार की तरफ से कोई फंड नहीं दिया जाता है”.

क्या राहुल गांधी देश तोड़ने वालों से मिले हैं?

BJP ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगात हुए कहा है कि, वो कुछ ऐसे लोगों से जुड़े हुए जो कश्मीर को भारत से अलग करने की वकालत इस वक्त पूरी दुनिया में कर रहे हैं.

OCCRP के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट सलील शेट्टी के नाम की भी चर्चा इस वक्त काफी तेज हो गई है, उनपर भारत के खिलाफ रिपोर्ट छपवाने के आरोप BJP ने लगाए हैं.

BJP ने दावा किया है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में सलीस शेट्टी उनके साथ शामिल थे.

इस मामले में सबसे बड़ा चौकाने वाला नाम जो आया वो पत्रकार मुश्फिकुल फजल अंसारी का है जो भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से हैं और ये भी OCCRP से जुड़े हुए हैं. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर इन सभी से मुलाकात करने और इनके इशारों पर काम करने के आरोप हैं।

OCCRP का गठन कब हुआ:

अमेरिका की सरकार, कुख्यात अरबपति उद्योगपति जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स जैसे लोगों की छत्र छाया में चलने वाली संस्था OCCRP को साल 2006 में बनाया गया.

OCCRP एशिया, यूरोप, अफ्रीक और लैटिन अमेरिका में काम कर रही है. कहने के लिए OCCRP कंपनियों की वित्तीय अनियमितताओं की जांच करती है जो मीडिया संस्थान को देती है रिपोर्ट पब्लिश करने के लिए. लेकिन, कुख्यात अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस इसके जरिए कई देशों को निगलने का काम कर चुके हैं. इस वक्त दुनिया OCCRP की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही है.

प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी से जॉर्ज सोरोस क्यों चिढ़ते हैं:

अमेरिका के कुख्यात अरबपति उद्योगपति जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था. इस कुख्यात अरबपति उद्योगपति पर कई देशों के बैंक निगलने, कई देशों की अर्थव्यवस्था को चौपट करने, कई समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप है. OCCRP की भारत में एंट्री साल 1999 में हुई थी.

OCCRP ने दावा किया भारत में साल 2014 में दवा, दिव्यांगों की मदद करने वाली संस्था और न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए फंड देना शुरू किया था.

साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने OCCRP के जरिए होने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी और यहीं से कुख्यात अरबपति उद्योगपति को भारत के प्रधानमंत्री बुरे लगने लगे. वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार की इज-ऑफ-डूइंग बिजनेस पॉलिसी ने देश के उद्योगपतियों को एक नया अवसर दिया.

साल 2023 में अगस्त महीने में कुख्यात अमेरिकी अरबपति उद्योगपति ने म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बयान दिया कि, “भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं, उनके तेजी से बड़ा नेता बनने की अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है”.

अपने इस बयान को बाद जॉर्ज सोरोस काफी चर्चा में रहे. कश्मीर में अनुच्छेद 370 हाटए जाने, CAA पर इस कुख्यात अमेरिकी अरबपति उद्योगपति जॉर्ज सोरोस को काफी दिक्कत थी.

गौरतलब प्रधानमंत्री मोदी की बिजनेस पॉलिसी से अमेरिकी उद्योगपतियों को काफी नुकसान हुआ है, तभी आज उन सभी में छटपटाहट मची हुई है. अब वो चाहे ब्लैकरॉल के लैरी फिंक हों या फिर रॉकफेलर ब्रदर्स जैसे कई उद्योगपति जो भारतीय बाजारों पर अपना कब्जा जमाना चाहते थे.

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