रिपु रन जीति सुजस सुर गावत। सीता सहित अनुज प्रभु आवत।।

                                        सुनत बचन बिसरे सब दूखा। तृषावंत जिमि पाइ पियूषा।।

अयोध्या में होने वाला इस बार दीपोत्सव इस बार कुछ इस तरह से खास होने वाला है। इस विश्व प्रसिद्ध और ऐतिहासिक दीपोत्सव कार्यक्रम में इस बार कई नए रिकॉर्ड तो बनेंगे साथ में आपको भारत और रूस की मित्रता का अनोखा संगम भी देखने को मिलेगा।

मर्यादापुरुषोत्तम की नगरी में होने वाली रामलीला में विदेश मेहमान भी आपको अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए नजर आएंगे। अयोध्या शोध संस्थान के निमंत्रण पर रूस-भारत की मित्रता को नए आयाम पर ले जाने वाले संगठन ‘दिशा’ ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है।

9-11 नवंबर तक होने वाले इस कार्यक्रम के संबंध में डॉ. रामेश्वर सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि, “इस दीपोत्सव में पद्मश्री गेनादी पेचनिकोव की स्मृति में रूसी कलाकार दीपोत्सव के मंच पर ‘दिशा रामलीला’ प्रस्तुत करेंगे”।

आपको बता दें कि अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम में कई देशों से कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है, जो मंच पर भगवान राम के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करने के साथ भारतीय संस्कृति और पौराणिक गाथाओं का महिमांमडन करते हैं।

पद्मश्री गेनादी पेचनीकोव स्मृति ‘दिशा’ रामलीला कमेटी के रचनाकार और निर्देशक डॉ. रामेश्वर सिंह ने बताया कि रूस में रामलीला का आयोजन लगभग 1960 से किया जा रहा है। रूस में राम के तौर पर गेनादि मिखालइलोविच पेचनिकोव काफी लोकप्रिय रहे हैं और उन्होंने ने 20 साल तक रामलीला में अपनी कला प्रदर्शन किया था। गेनादि को भारत में पद्मश्री जैसे सार्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है।

अब 40 साल बाद रूस- भारत मैति समिति ‘दिशा’ ने पद्मश्री गेनादि की याद में रामलीला को प्रस्तुत करने का फैसला किया है।

दिशा संस्था के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर सिंह ने उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, रूस में भारतीय राजदूत श्री पवन कपूर, भारत में रूसी राजदूत श्री डेनिस अलीपोव , अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. लवकुश द्विवेदी, जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र श्रीमती मधुर कंकना रॉय को रामलीला को पुनर्जीवित करने और रूसी-भारतीय मित्रता को मजबूत करने में उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।