प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गीताप्रेस गोरखपुर के शताब्दी कार्यक्रम के समापन समारोह में मंच साझा किया।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंच उन विरोधियों को आईना दिखाया जो गीताप्रेस गोरखपुर सवाल उठाते दिखाई पड़ते हैं सीएम योगी के भाषण के दौरान पीएम मोदी भी उनका चेहरा देखते नजर आए।

शताब्दी कार्यक्रम समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत अपनी आस्था, संस्कृति को लेकर अपने विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की संस्कृति विश्व की कई अपनी मान्यता दी है लेकिन इस देश में कुछ ऐसे भी नमूने हैं जो अपनी ही संस्कृति पर सवाल उठाते हैं।

अपने संबोधन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 9 साल में भारत के विकास की यात्रा में कोई कमी नहीं आई है। भारत की आस्था और विरासत को लगातार सम्मान ही मिला है और वो पहचान वैश्विक स्तर भी मिली है जिसे देश की जनता देख रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग भारत की सबसे प्राचीन विधा रही है लेकिन योग पहली बार वैश्विक स्तर पर जो मान्यता मिली वो केवल प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रस्ताव के बाद ही मिल पाई और UNO ने 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में घोषित किया।

गीताप्रेस ही गोरखपुर की पहचान है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में साफ कहा कि गोरखपुर का मतलब ही गीताप्रेस है। गीताप्रेस ने विश्व में लोगों को हाथों में श्रीमद्भगवद्गीता को पहुंचाया है।

गीताप्रेस गोरखपुर को सम्मानित करना केवल एक संस्था को सम्मानित करना नहीं है बल्कि पूरे गोरखपुर के साथ हिन्दू संस्कृति  को सम्मानित करना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गीताप्रेस गोरखपुर का सम्मान करना हमारी धरोहर का सम्मान करने जैसा है। गीताप्रेस गोरखपुर के 100 साल के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री इस प्रेस नहीं आया।