नई दिल्लीः इतिहास रचने से चूक गया भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)। EOS-3 पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह की लांचिंग का मिशन फेल हो गया।
सतीश धवन श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण के बाद सैटेलाइट ने अपने दोनों चरणों को सफलतापूर्वक अपने तय समय पर पूरे किए। तीसरे चरण में लेकिन क्रायोजेनिक इंजन में तकनीकी खराबी आ गई। इसरो ने कुछ देर बाद मिशन के पूरा नहीं होने की घोषणा की।

नियमित अंतराल पर बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय पर तस्वीरें उपलब्ध कराना इस अभियान का उद्देश्य था। त्वरित निगरानी करना प्राकृतिक आपदाओं की,कृषि, वनीकरण, जल संसाधनों तथा आपदा चेतावनी प्रदान करना।

चक्रवात की निगरानी करना, बादल फटने और भी कई चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त करना है। 10 साल तक ये उपग्रह सेवा देगा।

आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लांच पैड से गुरुवार को ईओएस-03 को 51.70 मीटर लंबे और 416 टन वजनी जीएसएलवी-एफ10 को
सुबह लांच किया गया।

इसका वजन ईओएस-03 का 2,268 किलोग्राम है। जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर आर्बिट (जीटीओ) में इसे करीब 18 मिनट में स्थापित होना था।
प्रोपल्शन प्रणाली के जरिये जीटीओ से भू-स्थिर कक्षा में स्थापित किया जाना था।