तुलसी करें मानसून के सीजन में कई समस्या से बचाव ,जानिए ये क्यों जरूरी है?

by | 31 Jul 2021, 07:05

कोरोनावायरस जहां थमने का नाम नहीं ले रहा है और वही मॉनसून ने भी दस्तक दे दी है वैसे भी बरसात के मौसम में कई बीमारियां दस्तक देती हैं। ऐसे मौसम में अपने स्वास्थ्य की चिंता करना लाजमी सी बात है। हम अक्सर ऐसा ही इलाज की तलाश करते हैं जिसका कोई साइड इफेक्ट भी ना हो और हमारा इलाज भी हो जाए ।तो चलिए आपको बताते हैं इसका इलाज ।इसका इलाज है तुलसी, पाचन शक्ति से लेकर त्वचा के रोग तक तुलसी कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं।
तुलसी में विटामिन ए सी कैल्शियम जिंक ,आयरन और अन्य पोषक तत्व है। जो हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है और कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता हैं।

आपकी इम्यूनिटी को भी बढ़ाए तुलसी:

तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। जो आम बीमारी जैसे खांसी, सर्दी ,जुखाम ,बुखार आदि से बचाएगी । यह आपके इम्यूनिटी को भी बढ़ाने में मदद करती है । तुलसी एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है जो कि शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाती है। अगर आप इसकी पत्तियां चबाते हैं या फिर इससे हर्बल-टी बनाकर पीते हैं तो उससे शरीर को लाभ होता है। अगर किसी भी इंसान का इम्युनिटी सिस्टम स्ट्रॉन्ग है तो उसे बीमारियां कम लगती हैं और वह उनका मुकाबला कर लेता है।

बरसाती कीड़ों से राहत देती है तुलसी :

मानसून में विभिन्न प्रकार के कीड़े और मच्छर आपके शरीर पर घाव बना देते हैं ।जो आगे चलकर त्वचा रोग का कारण बन सकता है ।इन घाव को भरने के लिए तुलसी काफी उपयोगकारी हैं।कीड़ों के काटने पर होने वाली खुजली, जलन और सूजन को कम करने के लिए प्रभावित जगह पर तुलसी की पत्तियां लगाएं। इसके लिए तुलसी की पत्तियों को मसलें और 10 मिनट तक त्वचा पर मलें। इससे जलन ठीक होगी साथ ही इंफेक्शन भी नहीं फैलेगा।

रक्त साफ करें तुलसी :

त्वचा से संबंधित बीमारियां मॉनसून में होना आम बात है। तुलसी रक्त को भी साफ करती है, और आपकी त्वचा को भी निखार देती है ।तुलसी का सेवन करने से बॉडी को नेचुरल डिटॉक्स करने का सबसे सरल तरीका है। तुलसी की पत्तियां नैचुरल डिटॉक्स का काम करती हैं. इसके अलावा तुलसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण भी होते हैं. अगर आप रोजाना तुलसी की 8-10 पत्तियों को चबाकर खाते हैं तो इससे आपके खून में मौजूद गंदगी साफ हो जाती है

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